उत्तरी-पश्चिमी दिल्ली के रोहिणी इलाके से एक नक्सली नेता को गिरफ्तार किया गया है. वह झारखण्ड के एक पुलिस अधिकारी की हत्या के मामले में वांछित था.
पुलिस अधिकारियों ने शुक्रवार को दावा किया प्रदीप कुमार सिंह नामक 42 वर्षीय नक्सली झारखण्ड के लोहरदग्गा जिले के पुलिस अधीक्षक अजय कुमार की वर्ष 2000 में हुई हत्या सहित कई अन्य अपराधों में शामिल रहा है. दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सिंह को गुरुवार को दोपहर बाद राहिणी के सेक्टर 24 से गिरफ्तार किया.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) अशोक चंद ने कहा, 'कुमार की हत्या के बाद सिंह फरार हो गया था और वह कुछ समय के लिए उसी इलाके में छुपा रहा.' सिंह झारखण्ड के लातेहार जिले के निंदी गांव का रहने वाला है. वह 1990 में पीपुल्स वार ग्रुप (पीडब्ल्यूजी) में शामिल हुआ था. पूछताछ के दौरान सिंह ने पुलिस को बताया कि वह पीडब्ल्यूजी का एक सक्रिय सदस्य है.
पीडब्ल्यूजी एक नक्सली संगठन है जो झारखण्ड और उसके पड़ोसी राज्यों बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सक्रिय है. अक्टूबर 2000 में सिंह ने एक गश्ती दल पर घात लगाकर हमला किया था. गश्ती दल का नेतृत्व लोहरदग्गा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक कुमार कर रहे थे. हमले के बाद पुलिस से बचने के लिए सिंह पंजाब भाग गया और वहां उसने लगभ पांच साल तक मेहनत-मजदूरी की.
दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (अपराध एवं रेलवे) संजय कुमार जैन ने कहा, 'वह अपने संगठन को फिर से सक्रिय करने के लिए झारखण्ड लौट गया. लेकिन इस वर्ष फरवरी में पुलिस बलों द्वारा चलाए गए एक अभियान में उसके गुट के कुछ सदस्य मारे गए और कुछ घायल हो गए. सिंह किसी तरह भागने में कामयाब हो गया और वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रह रहे अपने चाचा के घर आ गया.'
पुलिस के मुताबिक, सिंह के तीन बेटे हैं. उसका बड़ा बेटा राकेश नक्सली संगठन का स्थानीय कमांडर है. उसके खिलाफ अपहरण और हत्या से जुड़े कई मामले विचाराधीन हैं. वह लातेहार के अति वांछित व्यक्तियों में से एक है. सिंह छात्र राजनीति में शामिल हो गया था. वर्ष 1988 में डाल्टनगंज के एक इंटर कालेज में नामांकन के बाद से उसने आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई थी.