बिहार के लखीसराय जिले में गत रविवार को मुठभेड़ के दौरान बंधक बनाए गए चार पुलिसकर्मियों में से एक की माओवादियों ने हत्या कर देने का दावा किया है. इस दावे को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमें बंधक पुलिसकर्मी की हत्या करने के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं मिली है. नीतीश ने कहा कि हम माओवादियों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि अभी तक बातचीत के लिए कोई भी आगे नहीं आया है.
प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के स्वयंभू प्रवक्ता अविनाश ने बताया कि उनके द्वारा रिहाई के लिए दी गयी समय-सीमा के समाप्त होने के बाद बंधकों में से एक को ठिकाने लगाने के लिए वे बाध्य हुए. अविनाश ने धमकी दी कि अगर प्रदेश के विभिन्न जेलों में बंद उनके आठ साथियों को शुक्रवार सुबह 10 बजे तक सरकार नहीं छोड़ती तो बाकी अन्य बंधकों की भी हत्या कर दी जाएगी.
इस बीच प्रदेश के पुलिस महानिदेशक नीलमणि ने बताया कि माओवादियों द्वारा उठाए गए इस कठोर कदम के बारे में पुलिस को कोई सूचना नहीं है. उन्होंने कहा कि बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों की सकुशल रिहाई के लिए उनकी ओर से लगातार प्रयास और छापेमारी की जा रही है.
बंधक की रिहाई को लेकर नयी दिल्ली में केन्द्रीय गृह सचिव जी के पिल्लै के यह कहे जाने कि बिहार सरकार माओवादियों से बातचीत कर रही है, नीलमणि ने स्पष्ट किया कि राज्य के पुलिस एवं प्रशासनिक स्तर पर इस संबंध में नक्सलियों से कोई बातचीत नहीं हुई है.
उल्लेखनीय है कि पिल्लै ने गुरुवार को नई दिल्ली में कहा था कि बिहार सरकार माओवादियों से बातचीत कर रही है और केन्द्र सरकार उसे पूरा सहयोग कर रही है. नीलमणि ने कहा कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों की रिहाई के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और हमें उम्मीद है कि बातचीत का नतीजा निकलेगा.{mospagebreak}
माओवादियों ने मुठभेड़ के दौरान अवर निरीक्षक रुपेश कुमार और अभय प्रसाद यादव, हवलदार एहतशाम खान और सहायक अवर निरीक्षक लुकास टेटे को बंधक बना लिया था. इस मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे.
बिहार के पुलिस महानिदेशक ने गुरुवार को कहा था कि नक्सलियों ने सरकार से इस संबंध में बातचीत करने के लिए किसी स्तर पर संपर्क नहीं साधा है. सरकारी स्तर पर बातचीत भी की जाए तो आखिर किससे.
इस बीच राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) के एस द्विवेदी ने बताया कि बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों की सकुशल रिहाई के लिए लखीसराय, मुंगेर और जमुई के पहाड़ी इलाकों में सीआरपीएफ, बीएमपी और सैप के जवानों द्वारा लगातार छापामारी जारी है और बीएसएफ के हेलिकाप्टर से पहाड़ी क्षेत्र में भी तलाश जारी है. इसमें स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जा रहा है. दूसरी तरफ, बंधक बनाए गए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने मुख्यमंत्री आवास के समीप धरना दिया.