आपने आज तक विवाह या निकाह और उसके बाद तलाक के कई मामले देखे और सुने होंगे परंतु ऐसे किसी मामले को नहीं सुना होगा कि पंचायत के फरमान के कारण कोई युवती केवल एक ही दिन के लिए दुल्हन बन सके. पंचायत ने एक दिन पूर्व युवती का विवाह कराया था उसी पंचायत ने चौबीस घंटे के बाद उसका तलाक भी करवा दिया. अब युवती न्याय पाने के लिए दर-दर भटक रही है.
बिहार के पूर्णिया जिले के बायसी से आई पीड़िता ने जिले के पुलिस अधीक्षक अमित लोढ़ा से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है. पीड़िता का कहना है कि आखिर इसमें मेरा कुसूर क्या है? आखिर वह एक दिन के लिए ही दुल्हन क्यों बनाई गई? अब वह दोषियों को सजा दिलाने की अपील पुलिस से कर रही है.
पीड़िता का कहना है कि उसका तो जीवन बर्बाद हो गया परंतु दोषियों पर कारवाई तो हो. उसकी शिकायत है कि तलाक के बाद उसे जो मेहर (गुजारे) की राशि भी दी गई थी उसे भी आरोपियों ने ही मिलकर बांट लिया.
पुलिस के अनुसार बयासी थाना क्षेत्र के चंद्रगामा पंचायत के बकहरिया गांव निवासी मोहम्मद हसनुर एवं पीड़िता (जकरून निशां) में प्रेम था. दोनों को ग्रामीणों ने संदिग्ध अवस्था में एक दिन पकड़ लिया था.
इसके बाद पंचायत बैठी और पंचायत में हुए फैसले के बाद दोनों का निकाह करा दिया गया. परंतु अभी पीड़िता को दुल्हन बने चौबीस घंटे ही गुजरे थे कि पंचायत ने पुन: इस विवाह को तत्काल तलाक का फरमान सुना दिया गया.
पीड़िता का आरोप है कि गांव के ही कुछ लोगों के बहकावे के कारण पंचायत ने तलाक का फरमान सुनाया. इस तलाक के बाद पीड़िता को मेहर की राशि के रूप में 70 हजार रुपए भी देने का फैसला पंचायत द्वारा दिया गया था.
इधर, पुलिस अधीक्षक लोढ़ा ने शुक्रवार को बताया कि इस मामले की एक प्राथमिकी बायसी थाना में दर्ज करा दी गई है तथा पुलिस ने पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है. उन्होंने कहा कि पुलिस जांच के बाद ही इस मामले पर कुछ स्पष्ट कर पाएगी. हालांकि उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में पीड़िता के पति के अलावा आठ लोगों को आरोपी बनाया गया है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है, सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.