हरियाणा के श्रम एवं रोजगार मंत्री शिवचरण लाल शर्मा ने मारुति सुजुकी के मानेसर संयंत्र में हड़ताली कर्मचारियों पर कंपनी प्रबंधन के साथ किए गए समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया.
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शर्मा ने बताया, ‘ कर्मचारी मारुति सुजुकी प्रबंधन के साथ हुए समझौते से हट रहे हैं.’ एक अक्तूबर को संयंत्र के कर्मचारी प्रबंधन के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने को राजी हुए जिससे 29 अगस्त से शुरू हुई हड़ताल खत्म हो गई.
समझौते के मुताबिक, मारुति सुजुकी इंडिया उन 18 प्रशिक्षुओं को सशर्त कंपनी में वापस रखने को सहमत हुई जिन्हें निलंबित किया गया था. हालांकि, कंपनी ने 44 नियमित कर्मचारियों की नौकरी बहाल करने से इनकार कर दिया. इन कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए इन्हें निलंबित कर दिया गया था.
समझौते में कर्मचारी ‘बेहतर आचरण के बांड’ पर दस्तखत करने को राजी हो गए थे जिसके तहत उन्हें अनिवार्य तौर पर यह घोषणा करनी थी कि वे धीमी गति से काम नहीं करेंगे, काम को बीच में नहीं रोकेंगे, हड़ताल से दूर रहेंगे और किसी ऐसी तोड़फोड़ गतिविधि में शामिल नहीं होंगे जिससे सामान्य उत्पादन बाधित हो.
शर्मा ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कर्मचारी फिर से काम करने से मना कर रहे हैं. समझौते पर हस्ताक्षर के बाद मामला सुलझ गया है, ऐसे में इसे उचित नहीं ठहराया जा सकता.
अस्थायी कर्मचारियों को बहाल करने की कर्मचारियों की मांग के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संयंत्र में जैसे ही परिचालन सामान्य हो जाता है, अस्थायी कर्मचारियों को बहाल कर दिया जाएगा. शर्मा ने कहा, ‘मानेसर संयंत्र में काम महीने भर चली हड़ताल से प्रभावित होता रहा.. प्रबंधन उत्पादन बढ़ने पर अस्थायी कर्मचारियों को वापस रख लेगा.’ हरियाणा श्रम विभाग की एक टीम ने कल मानेसर कारखाने के कर्मचारियों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि चरणबद्ध तरीके से 14 अक्तूबर तक शेष अस्थायी कर्मचारियों को कंपनी में वापस रख लिया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि मानेसर संयंत्र के कर्मचारी शुक्रवार दोपहर अपने सहकर्मियों की बहाल की मांग को लेकर फिर से हड़ताल पर चले गए.