मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों के बाद गुरुवार को सेना ने खुद को तटस्थ कर लिया. इस बीच, शुक्रवार को प्रदर्शनकारी सामूहिक जुलूस निकालने की तैयारी में हैं.
काहिरा के तहरीर चौक पर मुबारक समर्थकों की ओर से गुरुवार सुबह सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को निशाना बना कर की गई गोलीबारी में कम से कम सात लोगों की मौत हो गई. हिंसा में करीब 700 लोग घायल भी हुए. प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार को मुबारक के विरोध में सामूहिक रैली निकालने की योजना बनाई है. प्रदर्शनकारियों ने तहरीर चौक से हटने से इनकार कर दिया है.
यह चौक ‘मुबारक हटाओ’ अभियान का केंद्र बन हुआ है. इस चौक पर मौजूद प्रदर्शनकारियों पर आज सुबह लगभग चार बजे गोलीबारी हुई.
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हिंसा की निंदा की गयी है. नवनियुक्त प्रधानमंत्री अहमद शफीक ने गोलीबारी की घटना के लिए खेद प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जाएगी और दोषियों को दंडित किया जाएगा. शफीक के अलावा उप राष्ट्रपति उमर सुलमान ने भी विपक्ष के साथ बातचीत का प्रस्ताव रखा है. {mospagebreak}
कुछ समूहों ने प्रस्ताव स्वीकार किया है, लेकिन नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रदर्शनों में प्रमुख चेहरा बनकर उभरे मोहम्मद अलबरदई ने इसे खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुबारक के सत्ता छोड़ने से पहले बातचीत का सवाल ही नहीं उठता.
दूसरी ओर अमेरिका ने मुबारक के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि इस अरब राष्ट्र में सत्ता परिवर्तन अभी से आरंभ हो जाना चाहिए. उसने उप राष्ट्रपति सुलेमान से कहा है कि वह सरकार की ओर से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ की गई हिंसा की जांच कराएं. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने संवाददाताओं से कहा, ‘सत्ता में बदलाव अभी से आरंभ होना चाहिए. मिस्र के लोगों को परिवर्तन की जरूरत है.’
मुबारक की ओर से सितंबर में सत्ता छोड़ने के बारे में पूछे जाने पर गिब्स ने कहा, ‘अगर आप मुझसे पूछ रहे हैं कि हमारे ‘अभी’ का मतलब सितंबर है तो ऐसा नहीं है. ‘अभी’ का मतलब अभी है.’ उन्होंने कहा, ‘ओबामा प्रशासन का मानना है कि मुबारक के पास दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि वह बदलाव की शुरुआत कर रहे हैं. मिस्र को और वहां की जनता को परिवर्तन की जरूरत है.’ {mospagebreak}
उधर, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने मिस्र के उप राष्ट्रपति सुलेमान को फोन किया और उनसे कहा कि उन सभी लोगों को पकड़ा जाए, जो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हिंसा के लिए जिम्मेदार हैं. सुलेमान अमेरिकी के काफी करीबियों में गिने जाते हैं.
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने बताया कि रक्षा मंत्री रॉबर्ट गेट्स ने मिस्र के अपने समकक्ष फील्ड मार्शल तनतावी से फिर फोन पर बात की है. पेंटागन के प्रवक्ता ज्योफ मॉरेल ने कहा, ‘मिस्र के रक्षा मंत्री के साथ गे्टस ने बीते सप्ताहांत के बाद तीसरी बार बात की है.’ रिपब्लिक सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा कि अब मुबारक को इस्तीफा देकर सत्ता अंतरिम सरकार को सौंप देनी चाहिए.
अमेरिका की ओर से चिंता जताने के बाद अलबरदई ने कहा, ‘यह प्रचार कि मिस्र लोकतंत्र में बदलने के बाद अमेरिका और इजराइल का विरोधी हो जायेगा, केवल कल्पना मात्र है.’ संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था का अच्छा प्रबंधन करने वाले अलबरदई को नोबेल शांति पुरस्कार से नवाजा गया था. मिस्र में राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के खिलाफ काहिरा में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद वह स्वदेश लौट आये थे. {mospagebreak}
उधर, संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि वह मिस्र में काम करने वाले अपने कर्मचारियों को वहां से हटाएगा. संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के प्रवक्ता रोनाल्डो गोमेज ने कहा कि कर्मचारियों को वहां से हटाने के काम में दो विमानों को लगाया जाएगा. ये विमान साइप्रस से मिस्र के बीच दो दौर की उड़ाने भरेंगे और सभी कर्मचारियों को वहां से लाया जाएगा.
गोमेज ने कहा, ‘मिस्र में सुरक्षा चिंताओं की वजह से कर्मचारियों को अस्थायी तौर पर साइप्रस लाया जा रहा है. लगभग 600 कर्मचारी हैं और इनके ठहरने के लिए साइप्रस के होटलों में इंतजाम कर लिए गए हैं.’ मिस्र में जारी उथल-पुथल के बीच बढ़ती हिंसा पर चिंता प्रकट करते हुए ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने देश में तुरंत नेतृत्व परिवर्तन की मांग की है. गिलार्ड ने हिंसा पर ऑस्ट्रलिया की चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि मिस्र में बदलाव का समय अब आ गया है. उन्होंने कहा, ‘मैं हिंसा की स्पष्ट तौर पर निंदा करती हूं.’