पांच हजार दो सौ चौंतीस वर्ष बाद एक बार फिर मानो मथुरा में भगवान कृष्ण का आगमन हुआ. मथुरा, वृंदावन तथा ब्रज के सभी तीर्थस्थलों पर महोत्सवों का उल्लास देखा गया. ब्रज के घर घर में व्रत रखकर लाला के जन्म की बधाइयां गाई गईं.
‘कृष्ण जन्माष्टमी’ के अवसर पर देशभर के मंदिरों में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा और इस उत्सव को पारंपरिक श्रद्धा एवं हर्षोल्लास से मनाया गया. कई लोगों ने मंदिरों और घरों पर भगवान कृष्ण की लीलाओं से संबंधित झांकियां सजायी और व्रत रखे.
हरे कृष्णा के जाप के साथ भक्त आज सुबह से ही मंदिरों में पहुंचने लगे थे और उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की. भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मथुरा में बांके बिहारी का जन्मोत्सव पूरी सजधज और श्रद्धा के साथ मनाया गया. इस दौरान विभिन्न स्थानों पर भंडारे लगाए गए.
दिल्ली के लक्ष्मी नारायण मंदिर और इस्कान मंदिर सहित विभिन्न मंदिरों में सोमवार को सुबह से ही लोग दर्शन और पूजा.अर्चना के लिए उमड़े. कई मंदिरों में श्रद्धालुओं की लंबी कतार देखी गयी.
मुंबई में, शहर भर में युवा टोलियों में जाकर ‘दही हांडी’ तोड़ी. युवाओं ने कई स्थानों पर मानव पिरामिड बनाकर हांडी तक पहुंचने की कोशिश की. वहां मौजूद अन्य लोगों ने परंपराओं के अनुसार पानी पेंककर इस पिरामिडों को तोड़ने का प्रयास किया.
मथुरा में पिछले कई दिन से कान्हा के जन्मदिन की तैयारियां जोरों पर थीं. इसके लिए कई विदेशी मेहमान भी श्रीकृष्ण की इस प्राचीन नगरी में आए हुए हैं.
श्रद्धालुओं के आकषर्ण का मुख्य केन्द्र गिरिधर का जन्मस्थान है, जहां कंस के कारागार में नंदलाल का जन्म हुआ था. वैसे मथुरा के द्वारकाधीश, वृंदावन के बांके बिहारी, इस्कॉन मंदिर, रंगजी मंदिर आदि में भक्तों की भारी भीड़ रही.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने डा. केशवदेव मंदिर को कारागार का रूप देकर यशोदानंदन के आने की तैयारी की. वैसे क्षेत्र के तमाम छोटे बड़े मंदिरों में पार्थसारथी के जन्म को लेकर भक्तों में खासा उत्साह नजर आया और भारी भीड़ के बीच लोग कन्हैया के विभिन्न स्वरूपों को प्रदर्शित करने वाली झांकियों का आनंद लेते नजर आए.
वृंदावन में जहां कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया वहीं नंदगांव में जन्माष्टमी कल मनाए जाने के कारण नंदोत्सव की धूम रही.
इस विशाल महोत्सव के दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक पैमाने पर इंतजाम किए गए. दर्शनार्थियों की सुरक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया.
पूरे शहर को तीन जोन और 14 सेक्टर में बांटकर करीब दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को तैनात किया गया. इनके अलावा बम निष्क्रिय करने वाले दस्ते, डॉग स्क्वाड और खुफिया पुलिस के लोग पूरी मुस्तैदी से सुरक्षा उपायों को चाक चौबंद रखने में जुटे रहे.