उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बलात्कार की घटनाओं के बीच मुख्यमंत्री मायावती ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में संशोधन की घोषणा की ताकि ऐसे मामलों की सुनवाई 6 माह में पूरी की जा सके और इन अपराधों के गैर जमानती बनाने के साथ ही दोषियों को कड़ी सजा देने का प्रावधान किया जा सके.
विधानसभा चुनाव से मात्र एक साल पहले राज्य में महिलाओं के खिलाफ लगातार हो रही हिंसा की घटनाओं के कारण विपक्ष की आलोचनाओं का शिकार हो रही मायावती ने यह भी कहा कि ऐसे अपराधों को रोकने के लिये रणनीति बनाने के इरादे से आगामी 27 जून को उन्होंने राज्य के पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है.
उन्होंने सीआरपीसी में प्रस्तावित संशोधनों को महत्वपूर्ण बताते हुए संवाददाताओं से कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा और बलात्कार की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इस तरह के संशोधन करने का निर्णय किया गया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 437 और 439 में संशोधन करने का फैसला किया गया है ताकि ऐसे मामलों की सुनवाई छह माह में पूरी की जा सके और इन अपराधों को गैर जमानती बनाया जा सके.
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रावधान किये जायेंगे कि आरोपी को तब तक जमानत नहीं मिल पाये जब तक कि वह निर्दोष नहीं साबित हो जाता.
बसपा प्रमुख ने बताया कि इस आशय का अध्यादेश राज्यपाल के पास भेजे जा रहे हैं.
मायावती ने सूबे में हाल में हुई ऐसी घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए ‘खराब चरित्र’ के लोगों को चिन्हित करके उनके ‘चरित्र में सुधार’ लाने का अभियान चलाने और सुधार नहीं होने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
उन्होंने कहा, ‘सरकार यह मानती है कि हाल में प्रदेश के कुछ जिलों में महिलाओं तथा बच्चियों के साथ जो भी गम्भीर वारदातें हुई उनमें कुछ हद तक पुलिस तथा प्रशासन की लापरवाही के साथ अपराध में शामिल लोगों का खराब चरित्र भी काफी हद तक जिम्मेदार है.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारी सरकार बलात्कार तथा उत्पीड़न की वारदात के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई तो करेगी ही लेकिन भविष्य में वे ऐसा नहीं करें इसलिये उन्हें सुधारने और अगर वे नहीं सुधरें तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देने के लिये मैंने 27 जून को लखनऊ में सभी जिलों तथा मंडलों के प्रशासनिक तथा पुलिस प्रमुखों की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है.’
उन्होंने कहा, ‘इस बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये जाएंगे कि वे प्रदेश के हर थाना क्षेत्र में थाना प्रभारियों की देखरेख में एक महीने का विशेष अभियान चलायें जिसमें खराब चरित्र वाले लोगों की सूची तैयार करके उन्हें सुधारने का हरसम्भव प्रयास किया जाए और नहीं सुधरने पर उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.’
मायावती ने राष्ट्रीय अपराध अभिलेख ब्यूरो के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति अन्य राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है.
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों खासकर समाजवादी पार्टी की सरकार में समाज के हर वर्ग के खिलाफ जुल्म हुए मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, इसीलिये बसपा सरकार ने सत्ता में आते ही आपराधिक मुकदमे दर्ज करने के लिये अभियान चलाया जिसमें 10 हजार मुकदमे दर्ज किये गए. इनमें से 1460 मामले महिलाओं ने पंजीकृत कराए थे.