उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दलों ने राज्य के ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय द्वारा सूबे के लोकायुक्त के खिलाफ तल्ख टिप्पणी की कड़ी आलोचना करते हुए इसे दुस्साहस और निर्लज्जता की पराकाष्ठा करार दिया है.
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने शनिवार को यहां कहा कि भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी मायावती सरकार के मंत्री अब लोकायुक्त जैसे गरिमामय अधिकारी को भी अपमानित कर रहे हैं. यह दुस्साहस और निर्लज्जता की पराकाष्ठा तथा उनकी बौखलाहट का नतीजा है.
उन्होंने कहा कि मायावती सरकार के ज्यादातर मंत्री भ्रष्टाचार में डूबे हैं और उपाध्याय भी उसी जमात में शामिल हैं. चूंकि लोकायुक्त उनके खिलाफ जांच कर रहे हैं इसलिये मंत्री ने उन्हें निशाना बनाया लेकिन जनता ऐसे लोगों को चुनाव में सबक सिखाएगी.
गौरतलब है कि उपाध्याय ने शुक्रवार रात हाथरस में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि लोकायुक्त ने उनके खिलाफ जांच की लेकिन उसमें कुछ नहीं मिला. अगर लोकायुक्त से उनके व्यक्तिगत सम्बन्ध नहीं होते तो वह उन्हें उच्चतम न्यायालय में अर्जी देकर हटवा देते.
लोकायुक्त की सिफारिश पर प्रदेश सरकार के अब तक पांच मंत्री बर्खास्त किये जा चुके हैं.
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्यपाल बी. एल. जोशी से ऊर्जा मंत्री रामवीर उपाध्याय से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगने का आग्रह किया है.