उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के क्रियान्वयन में हुए हजारों करोड़ रूपये के कथित घोटाले में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सहभागिता का आरोप लगने के बाद पार्टी मुखिया के बचाव में उतरते हुए बसपा ने कहा कि परिवार कल्याण विभाग भले ही दो सालों के लिए उनके पास रहा हो. मगर इस योजना के कार्यो के लिए धन आवंटन में उनकी कोई भूमिका नहीं थी.
बसपा प्रवक्ता ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘परिवार कल्याण विभाग वर्ष 2007 से 2009 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के अधीन अवश्य था. एनआरएचएम के क्रियान्वयन के लिए वित्तीय स्वीकृति देने संबंधी कोई पत्रावली उनके सामने नहीं लायी गयी. इसलिए कि केन्द्र संचालित योजना के नियमों के अनुसार इसके क्रियान्वयन में धन आवंटन के लिए राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं थी.’
एनआरएचएम घोटाले में बसपा मुखिया के शामिल रहे होने के बारे में सपा नेताओं के बयानों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए, बसपा प्रवक्ता ने कहा है कि सपा सरकार ‘बीएसपी मेनिया’ से ग्रस्त है और चुनाव में जनता से किये गये वायदों के क्रियान्वयन में सपा सरकार की विफलताओं और प्रदेश में बिगड़ती हुई कानून एवं व्यवस्था से जनता का ध्यान हटाना चाहती है.