उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने राज्य विधानसभा चुनाव नजदीक आने के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश में तीन नए जिलों के गठन की घोषणा की.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मायावती ने मुजफ्फरनगर जिले की शामली और कैराना तहसीलों को जोड़कर प्रबुद्धनगर जिले के गठन की घोषणा की. इस जिले का मुख्यालय शामली में होगा.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने गाजियाबाद के गढ़ मुक्तेश्वर, हापुड़ और दौलाना तहसीलों को जोड़कर पंचशीलनगर जिला जबकि मुरादाबाद की चंदौसी तथा सम्भल तहसील और बदायूं जिले की गुन्नौर तहसील को मिलाकर भीम नगर जनपद बनाने का भी एलान किया.
पंचशीलनगर का जिला मुख्यालय हापुड़ में जबकि भीमनगर का मुख्यालय सम्भल में होगा.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष ने नए जिलों की घोषणा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी शुरुआत से ही छोटे राज्यों और लघु प्रशासनिक इकाइयों के गठन की पक्षधर रही है, क्योंकि इससे क्षेत्र के विकास और बेहतर प्रशासन में मदद मिलती है.
इस बीच, विपक्ष ने मायावती द्वारा तीन नए जिलों की घोषणा को चुनाव से ऐन पहले जनता के साथ किया गया धोखा करार दिया.
मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘अपने कार्यकाल में अंतिम दौर में पहुंच चुकी सरकार ने समुचित ढांचा तैयार किये बगैर तीन जिलों के गठन की घोषणा करके जनता के साथ धोखा किया है.’
यादव ने कहा, ‘समुचित ढांचे की व्यवस्था किये बगैर तीन नए जिले बनाने का क्या फायदा है. अगर मुख्यमंत्री सही मायने में उस क्षेत्र के लोगों की आकांक्षाओं के प्रति गम्भीर होतीं तो वह हर नवगठित जिले में ढांचागत विकास के लिये 500-500 करोड़ रुपये देने का एलान भी करतीं.’ उन्होंने कहा चूंकि मौजूदा राज्य सरकार का थोड़ा ही कार्यकाल बचा है इसलिये नए जिलों में प्रशासनिक ढांचा तैयार करने का भार अगली सरकार को वहन करना पड़ेगा.
भाजपा प्रवक्ता विजय पाठक ने कहा कि सरकार ने तीन नए जिलों के गठन का एलान आगामी विधानसभा चुनाव में लाभ लेने की कोशिश के तहत किया है.
उन्होंने कहा चूंकि मायावती के पूर्व के शासनकाल में घोषित नए जिलों में समुचित ढांचा अब तक तैयार नहीं हो सका है इसलिए बेहतर होगा कि मुख्यमंत्री नए जिलों का गठन करने के बजाय पूर्व में घोषित जनपदों के ढांचे में सुधार लाने पर ध्यान देतीं.
कांग्रेस प्रवक्ता सुबोध श्रीवास्तव ने कहा कि प्रदेश में पूर्व में गठित नए जिलों अम्बेडकरनगर, कांशीराम नगर, छत्रपति शाहूजी महाराज नगर और रमाबाई नगर में मूलभूत ढांचा अब भी नदारद है. ऐसे में नए जिलों के गठन का एलान फिजूल है.
उन्होंने कहा कि महज जिलों की घोषणा करने से ही विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता. यह जनता के साथ धोखा है.