उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ अपनी चार दिवसीय पदयात्रा का समापन करते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने उनकी सरकार पर गोल्फ कोर्स और रेसिंग ट्रैक के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत करने का आरोप लगाया और कहा कि जब किसानों ने विरोध किया तब उन पर गोलियां चलवाईं.
ग्रेटर नोएडा और अलीगढ़ जिले में 70 किलोमीटर के अपने पैदल मार्च के समापन पर यहां किसान महापंचायत को संबोधित करते हुए राहुल ने इन आलोचनाओं को खारिज कर दिया कि वह ड्रामा कर रहे है. मायावती ने राहुल गांधी के मार्च को नौटंकी करार दिया था.
अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक किसान को भूमि अधिग्रहण के बारे में तब पता चलता है जब एक बिल्डर आकर उससे कहता है कि यह जमीन अब उसकी (बिल्डर की) है. राहुल के इस राजनीतिक अभियान को अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
राहुल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में, हम विकास या सड़क बनाने के खिलाफ नहीं है लेकिन यह जमीन गोल्फ कोर्स, कॉलोनियां और रेसिंग ट्रैक बनाने के लिए किसानों से ली जा रही है और यही कारण है कि वे नाराज हैं.
उन्होंने कहा कि किसान कहता है कि यदि लखनऊ में किसी धनी व्यक्ति की जमीन ली जाती है तो उसे बाजार दर दी जाती है लेकिन जब एक गरीब किसान की बारी आती है तब उसपर गोलियां दागी जाती हैं, उसे पीटा जाता है और सरकार हमसे बात नहीं करती.
सुबह में भारी वर्षा के बावजूद दोहपर में यहां किसान महापंचायत में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया. ग्रेटर नोएडा में भूमि अधिग्रहण आंदोलन के केंद्र भट्टा परसौल से शुरू हुई पदयात्रा का यहां किसान महापंचायत के रूप में समापन हुआ.
अपने अभियान के बारे में आलोचनाओं को खारिज करते हुए राहुल ने कहा कि कई लोग मानते हैं कि यह ड्रामा है लेकिन एक राजनेता को लोगों के पास जाने ओर उनसे बातचीत करने की जरूरत है और मैं इसमें पूरा विश्वास करता हूं.
भूमि अधिग्रहण कानून की ओर इशारा करते हुए राहुल ने कहा कि कुछ किसानों को इस (कानून के) बारे में चिंता है क्योंकि यह पुराना है और उन्हें (किसानों को) इस बात से दिक्कत है. उन्होंने कहा, ‘हम ऐसा कानून लागने का प्रयास करेंगे जो किसान को लाभ पहुंचाएगा लेकिन केवल कानून लाने से कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि पहले से भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश कुछ कानून मौजूद है लेकिन जहां हरियाणा सरकार लोगों को विश्वास में लेती है और उनसे बातचीत करती है वहीं उत्तर प्रदेश सरकार लोगों से बातचीत नहीं करती. जब कोई किसान अपने अधिकारों की मांग करता है, तब सरकार उसपर गोलियां चलाने का आदेश दे देती है.’
उन्होंने कहा कि भट्टा पारसौल में आंदोलन के बाद मायावती भूमि अधिग्रहण पर नयी नीति लेकर आयीं लेकिन इससे वहां प्रभावित किसानों को कोई लाभ नहीं पहुंचेगा और यही कारण है कि मैंने पदयात्रा शुरू की. उन्होंने कहा कि दो महीने पहले भट्टा परसौल में किसानों ने विरोध प्रदर्शन शुरू किया तब पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं और कुछ किसान मारे भी गए. यह बहुत दुख की बात है कि किसानों ने कोई गलती नहीं की थी, उसके बाद भी उन पर गोलियां चलवाईं गईं.
राहुल ने कहा कि किसानों ने सरकार से केवल यही कहा था कि यदि वह उनकी जमीन चाहती है, तो वह उन्हें पर्याप्त मुआवजा दे, लेकिन बदले में पुलिस ने उन पर गोलियां चलाईं और उनकी पिटाई की. बस, ट्रक और ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर ग्रामीण तड़के से ही यहां नुमाइश मैदान में पहुंचने लगे थे. मैदान में कड़ी सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट और जितिन प्रसाद और पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी भी मौजूद थे. भारी वर्षा के कारण आयोजनस्थल पर जलजमाव हो गया है और वाटरप्रूफ टेंट भी क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन, जैसे ही बारिश बंद हुई लोग वहां जुटने लगे. कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के बड़ी तादाद में जुटने से इलाके के किसी होटल में कमरा खाली नहीं था.
आयोजन स्थल के पास कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के बड़े-बड़े पोस्टर लगाए गए थे. मंच पर लगाई गई चार बड़ी होर्डिंग में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, राहुल, जोशी और कांग्रेस के उत्तर प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह की तस्वीरें हैं.
आयोजनस्थल के आस-पास बहुस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था. गत गुरुवार को राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर खतरा उत्पन्न हो गया था, जब टप्पल में पदयात्रा के दौरान लाइसेंसी रिवॉल्वर लिए एक युवक को उस वक्त हिरासत में लिया गया जब वह उनके करीब पहुंच रहा था. राहुल उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों का दौरा करने के बाद अपनी यात्रा का समापन कर शुक्रवार को दिल्ली लौट गए थे.