उत्तर प्रदेश में चुनावी मौसम देखते हुए बसपा ने अभी से पूरा जोर लगाना शुरू कर दिया है. लखनऊ में आयोजित महारैली में मायावती ने कहा कि बसपा चुनाव में विपक्षियों को धूल चटाएगी और फिर सत्ता में आएगी.
मायावती ने राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी की मुहिम का शंखनाद करते हुए कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी द्वारा हाल में सरकार की कार्यप्रणाली पर उठाए गए सवालों का जवाब दिया और कहा कि जो पार्टी अपने 40 साल के एकछत्र शासन में सूबे का भला नहीं कर सकी वह पांच या 10 साल में राज्य की तस्वीर कैसे बदल सकती है.
पिछड़ा वर्ग दलित भाईचारा सम्मेलन में अपने करीब सवा घंटे के भाषण में मायावती ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार और काले धन के प्रति रुख और दलितों तथा पिछड़ों के प्रति मानसिकता के मुद्दे पर कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों को घेरा. साथ ही उन्होंने दलितों और पिछड़ों के दिलों को छूने की भी भरसक कोशिश की.उन्होंने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के पिछले दिनों राज्य के दौरे के दौरान प्रदेश सरकार पर लगाए गये आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गलत आरोप लगाकर लोगों को झूठे आश्वासन दे रहे हैं और जो पार्टी राज्य में पिछले 40 साल के एकछत्र राज्य में सूबे का विकास नहीं कर सकी वह पांच या 10 साल में उसकी तस्वीर कैसे बदल सकती है.
मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस प्रदेश में अपनी दयनीय स्थिति से इस कदर घबराई हुई है कि इस पार्टी के लोगों और उसके युवराज (राहुल) को दिल्ली में संसद छोड़कर यहां आकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी करनी पड़ रही है.’राहुल के इस व्यंग्य पर कि लखनउ में बैठा हाथी केन्द्र द्वारा विकास योजनाओं के लिये भेजा गया धन खाता है, बसपा अध्यक्ष ने कहा ‘हमारी पार्टी की नीतियों और जनाधार ने कांग्रेस का प्रदेश देश में जीना मुश्किल कर दिया है. हमें ऐसा लगता है कि प्रदेश में हमारी पार्टी का चुनाव चिहन हाथी उसे सपने में दौड़ाता है.’
मायावती ने दलितों तथा पिछड़ों को विपक्षी दलों के हथकंडों से होशियार करते हुए कहा कि वे किसी तरह के बहकावे में नहीं आएं. अगर ऐसा होता है तो वह विश्वास के साथ कह सकती हैं कि बसपा आगामी चुनाव में ‘चलेगा हाथी उड़ेगी धूल, न साइकिल रहेगी न पंजा न फूल’ के नारे को बुलंद करते हुए कामयाबी हासिल करेगी.दलितों के साथ-साथ पिछड़ों को भी आरक्षण का श्रेय डाक्टर भीमराव अम्बेडकर को देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब तक दलितों का पूर्ण विकास नहीं होगा तब तक बसपा की ओर से प्रदेश में दलित मुख्यमंत्री ही बनता रहेगा. उसके बाद पिछड़े वर्ग के प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा. इस कवायद में कम से कम 15 साल लगेंगे.
मायावती ने कहा कि कुछ पार्टियां अपने राजनीतिक लाभ के लिये दलित या पिछड़े वर्ग के लोगों को मुख्यमंत्री बना भी दें तो भी इन वर्गो का विकास नहीं होगा, क्योंकि सत्ता की बागडोर अन्य वर्गो के हाथ में ही होती है.मुख्यमंत्री ने प्रदेश में दलितों तथा पिछड़ों की मुफलिसी का ठीकरा प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों के सिर फोड़ते हुए कहा कि उन सरकारों की गलत नीतियों के कारण उपजी परेशानियां उनकी सरकार को विरासत में मिलीं. नतीजतन खराब आर्थिक स्थिति के कारण उनकी सरकार दलित तथा पिछड़ें वर्गो की समस्याओं को पूरी तरह दूर नहीं कर सकी है. प्रदेश के लोगों के रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जाने सम्बन्धी राहुल के बयान का जवाब देते हुए मायावती ने कहा, ‘प्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में सबसे ज्यादा लोग रोजी-रोटी के लिये पलायन कर दूसरे राज्यों में गये. इससे भी ज्यादा दुख की बात यह है कि कांग्रेस इन्हीं लोगों को बीमारी कहकर पुकारती है.’
राहुल पर हमले जारी रखते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस ने झूठ बोला कि केन्द्र द्वारा भेजा गया ज्यादातर धन अफसरों, मंत्रियों और बसपा कार्यकर्ताओं के पास चला जाता है. ऐसा लगता है कि कांग्रेस अपना ही पुराना तजुर्बा बता रही है.’ राहुल को निशाने पर रखते हुए मायावती ने कहा कि कांग्रेस महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को अपनी योजना के तौर पर पेश कर रही है जो गलत है.
उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने अपने पूरे रोड शो के दौरान झूठी बातें कीं, झूठे आश्वासन देकर जनता को भ्रमित करने की कोशिश की. उन्होंने नरेगा को अपनी योजना बताने की कोशिश की जबकि यह एक केन्द्रीय अधिनियम के तहत संचालित होने वाली योजना है जिसमें सभी पार्टियों का योगदान है.’ मायावती ने कहा, ‘कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी सस्ती लोकप्रियता के लिये उत्तर प्रदेश में नरेगा के क्रियान्वयन में गड़बड़ियों की बातें कर रहे हैं. हमने गड़बड़ियां रोकने के लिये अच्छी व्यवस्था की है और अगर कोई अफसर अनियमितता में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होती है.’
मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की व्यावहारिकता पर सवाल खड़े करते हुए एलान किया कि राज्य के बाद केन्द्र में उनकी सरकार बनने पर पात्र लोगों को एक साल में 100 दिन के बजाय पूरे 365 दिन रोजगार दिया जाएगा. मायावती ने परिवारवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा और कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्य राजनीति से दूर हैं और अगर उन्होंने कभी सांसद या विधायक बनने की महत्वाकांक्षा पाली तो वह उनसे नाता तोड़ लेंगी ताकि उन पर कांग्रेस की तरह परिवारवाद फैलाने का आरोप नहीं लगे. उन्होंने कहा कि दलितों और पिछड़ों के कल्याण के प्रति पूर्ण समर्पण जारी रखने के लिये ही उन्होंने विवाह नहीं किया और आज वह इन विशाल वर्गो को ही अपना परिवार मानती हैं.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दलितों के साथ-साथ पिछड़ों के हितों के लिये डाक्टर भीमराव अम्बेडकर ने संविधान में अनुच्छेद 340 की व्यवस्था की थी जिसके बाद गठित मंडल आयोग की रिपोर्ट के अनुरूप उन्हंे अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति की तरह ही अधिकार मिले हैं. मायावती ने दावा किया कि दलितों और पिछड़ों के लिये जितना काम उनकी सरकार ने किया है उतना किसी ने नहीं किया. उन्होंने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री महामाया गरीब मदद योजना तथा उत्तर प्रदेश महमाया गरीब बालिका आशीर्वाद योजना समेत कई कल्याणकारी योजनाएं गिनाईं.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उन्हें अपने सूत्रों से पता लगा है कि सोनिया के बीमार होने के कारण राहुल को कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष तथा प्रधानमंत्री बनाए जाने की सुगबुगाहट के चलते ही केन्द्रीय मंत्रिमण्डल ने राहुल के विदेशी दोस्तों को खुश करने के लिये खुदरा बाजार में विदेशी निवेश की मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि विदेशी निवेश के इस फैसले से छोटे व्यवसायी बर्बाद हो जाएंगे और अगर राज्य में कांग्रेस की सरकार आ गयी तो यह सूबा पांच साल में देश का नम्बर एक कंगाल राज्य बन जाएगा.
मायावती ने कहा कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए केन्द्र सरकार संविधान में संशोधन करके दलितों तथा पिछड़ों की कई श्रेणियां बनाकर आपको बांटने की कोशिश कर सकती है. इससे होशियार रहने की जरूरत है. उत्तर प्रदेश के पुनर्गठन का प्रस्ताव पारित कराने के पक्ष में तर्क देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि संतुलित विकास के लिये इस विशाल प्रदेश का विभाजन करना जरूरी है. उन्होंने इस मुद्दे पर अपने पत्ते खोलते हुए कहा कि विपक्षी दल प्रदेश का विकास नहीं चाहते. लिहाजा, वह राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में पारित कराए गए प्रस्ताव को केन्द्र में रोकने की कोशिश करेंगे. जनता को चुनाव में इन दलों को सबक सिखाना होगा.
कानून व्यवस्था तथा कालेधन के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को घेरते हुए मायावती ने कहा कि सपा के शासनकाल में गुंडागर्दी और माफियागर्दी बढ़ गयी थी. ऐसे लोगों को सत्ता में वापस नहीं आने देना चाहिये. उन्होंने कहा, ‘केन्द्र में अपने शासनकाल में भाजपा ने संविधान समीक्षा की आड़ में पिछडों तथा दलितों के अधिकारों को खत्म करने की पूरी कोशिश की थी. इस पार्टी के नेता विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने की बात कर रहे हैं जबकि उनको इस तरह की बातें करने का हक नहीं है.’
मायावती ने कहा कि भाजपा जब केन्द्र में कई वर्षों तक सत्तासीन थी तब वह काले धन को ना तो वापस लाई और ना ही इस सिलसिले में कोई सख्त कानून बनाया. भाजपा के साथ अंदरूनी मिलीभगत के कारण मौजूदा केन्द्र सरकार भी इस सिलसिले में कोई सख्त कानून नहीं बना रही. इससे लगता है कि ये पार्टियां अंदर ही अंदर अपनी रोटियां सेंक रही हैं. प्रदेश में एक बार फिर बसपा की सरकार बनाने का आहवान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मेरा वादा है कि मैं मरते दम तक बसपा के आंदोलन की सेवा करती रहूंगी. आपको प्रदेश में एक बार फिर बसपा की सरकार बनानी होगी.’
उन्होंने कहा, ‘प्रदेश में अब कभी भी विधानसभा चुनाव हो सकते हैं. लिहाजा, मैं आज ही पार्टी के चुनाव अभियान की घोषणा करती हूं. पार्टी कार्यकर्ता चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं.’ मायावती ने कहा कि बसपा आगामी 18 दिसम्बर को लखनउ में मुस्लिम-क्षत्रिय-वैश्य समाज का महासम्मेलन आयोजित करेगी.