उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र एवं श्रम मंत्री बादशाह सिंह को उन पर लगे आरोपों की जांच पूरी होने तक पद से हटाया.
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इन दोनों को उत्तर प्रदेश लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले का दोषी पाया है.
शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र के विरुद्ध लोकायुक्त की सिफारिशों के मद्देनजर विपक्षी दल उन्हें तत्काल मंत्रिपरिषद से हटाए जाने की मांग कर रहे थे.
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लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में रंगनाथ मिश्र के खिलाफ भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करके जांच कराने की संस्तुति की थी.
उत्तर प्रदेश के लोकायुक्त न्यायमूर्ति एन के मेहरोत्रा ने प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा मंत्री रंगनाथ मिश्र के विरुद्ध आय से अधिक सम्पत्ति के मामले में दर्ज शिकायत को सही करार देते हुए उन पर भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत आपराधिक वाद दर्ज करके जांच कराये जाने और जांच पूरी होने तक उन्हें मंत्रिपरिषद से हटाने की संस्तुति की थी.
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लोकायुक्त ने मिश्र को ग्राम सभा की जमीन पर कब्जे का भी दोषी करार दिया और कब्जा हटवाने तथा उनके विरुद्ध समुचित दण्डात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है.
इससे एक बार फिर यह साबित होता नजर आ रहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई है. भाजपा ने इस बारे में प्रदेश के राज्यपाल बी.एल. जोशी ही नहीं बल्कि राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को भी ज्ञापन दे चुकी है.