भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती पर दलितों के साथ छल करने का आरोप लगाते हुए कहा कि दलितों का सर्वाधिक शोषण दलितों के नाम पर राजनीति करने वाली बसपा सरकार के राज में ही हुआ है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके सिंह ने पार्टी द्वारा आयोजित ‘दलित अधिकार महासम्मेलन’ को संबोधित करते हुए कहा कि सामाजिक समरसता के प्रति संकल्पबद्ध भाजपा ने मायावती को तीन बार मुख्यमंत्री बनाया और उन्होंने न सिर्फ भाजपा को धोखा दिया बल्कि दलितों के नाम पर राजनीति की और उनके साथ भी छल किया है.
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा अब भविष्य में बहुजन समाज पार्टी के साथ किसी भी तरह का तालमेल अथवा समझौता नहीं करने वाली है और उनकी पार्टी का संकल्प है कि बसपा को सत्ता से बाहर किया जाये.
देश और समाज की उन्नति के लिये सामाजिक समरसता को आवश्यक बताते हुए सिंह ने कहा कि आजादी की लड़ाई में दलित समाज के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है और भाजपा की सरकार बनने पर पाठ्य पुस्तकों में दलित समाज के गौरवशाली इतिहास को प्रमुखता से शामिल किया जाएगा.
यह बताते हुए कि उनकी सरकार ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति के बैकलाग को भरने के लिये मुहिम शुर की थी, सिंह ने आरोप लगाया कि मायावती सरकार ने न सिर्फ दलितों के साथ छल किया है बल्कि सर्वाधिक उत्पीड़न भी दलित समाज के लोगों का ही हुआ है.
पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने घटनाओं के उल्लेख से आरोप लगाया कि बसपा राज में कानून एवं व्यवस्था नाम की चीज नहीं रह गयी है तथा सर्वाधिक उत्पीड़न पिछड़े एवं दलित समाज के लोगों का ही हुआ है.
दलित महासम्मेलन में आये लोगों से उमा भारती ने अपील की कि सत्ता बदलने की जिम्मेदारी आप की है और व्यवस्था बदलने की जिम्मेदारी हमारी होगी। उन्होंने बसपा सरकार के कुराज पर चोट करते हुए कहा, ‘माया राज में दलालों ने मलायी खायी और दलित को सूखी रोटी भी न मिली.’
यह कहते हुए कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार की योजनाओं के पैसे से पत्थर की मूर्तियां खड़ी की गयीं, भारती ने कहा कि यह उनके हिस्से का ही पैसा था, जिससे पत्थर के हाथी और मूर्तियां खड़ी की गयी हैं.
पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष कलराज मिश्र ने बसपा सरकार में दलितों के उत्पीड़न एवं अन्याय के उल्लेख के साथ कहा कि चिंता इस बात की है कि आजादी के 65 वर्ष बाद दलित अधिकार सम्मेलन की आवश्यकता पड़ रही है, जबकि प्रदेश की मुखिया मायावती स्वयं दलित समाज से हैं.
सम्मेलन को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सूर्यप्रताप शाही, दलित मोर्चे के प्रभारी एवं राष्ट्रीय प्रवक्ता रामनाथ कोविद एवं पार्टी के दलित मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष दुश्यंत गौतम ने भी संबोधित किया और दलितों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए उन्हें हल करने के लिये पार्टी की प्रतिबद्धता जाहिर की.
सम्मेलन में दलितों के विकास एवं बेहतरी के लिये पार्टी की नीति एवं कार्यक्रम के उल्लेख के साथ एक आठ सूत्रीय प्रस्ताव भी पारित किया गया.