उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने बसपा विधायक पुरूषोत्तम नरेश द्विवेदी द्वारा कथित रूप से बलात्कार की शिकार दलित लड़की पर लगे चोरी के इलजाम को साजिश का हिस्सा करार देते हुए लड़की को रिहा करने के आदेश दिए हैं.
आधिकारिक प्रवक्ता ने यहां बताया ‘मुख्यमंत्री ने बांदा जेल में चोरी के आरोप में बंद दलित लड़की को सीबीसीआईडी की प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट के आधार पर रिहा करने के आदेश दिये.’ उन्होंने बताया कि कानून में ऐसा प्रावधान है जिसके तहत मामला फर्जी साबित होने की स्थिति में मुख्यमंत्री सम्बन्धित विचाराधीन कैदी को रिहा करने के आदेश दे सकता है.
लड़की को रिहा करने के आदेश बांदा की अदालत में उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई से दो दिन पहले जारी किये गए हैं.
मायावती ने आज अपने 55वें जन्मदिन पर आयोजित कार्यक्रम में इस प्रकरण की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में करवाने और उस लड़की पर साजिशन चोरी का इल्जाम लगाकर परेशान करने में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही.
इससे पूर्व, गत 12 जनवरी को प्रदेश के कैबिनेट सचिव शशांक शेखर सिंह ने लड़की पर लगे चोरी के आरोपों को सही बताया था.
उन्होंने लखनउ में संवाददाताओं से कहा था कि शीलू विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के घर से भागते वक्त अपने साथ उनका मोबाइल फोन और पांच हजार रुपए ले गई थी तथा उसने उस फोन से 150 काल भी की थीं. सिंह ने कहा था ‘शीलू पर लगे चोरी के आरोप सही पाए गए हैं.’