उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्रिपरिषद के दो और मंत्रियों अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अकबर हुसैन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्यमंत्री यशपाल सिंह को बर्खास्त कर दिया है.
सरकारी प्रवक्ता ने बताया, ‘राज्यपाल बी. एल. जोशी ने मुख्यमंत्री मायावती की मंत्रणा से अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अकबर हुसैन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री यशपाल सिंह को तत्काल प्रभाव से मंत्री पद से मुक्त कर दिया है.’ प्रवक्ता ने बताया है कि अकबर हुसैन को पद से हटाये जाने के बाद खाली हुए अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की जिम्मेदारी रामबीर उपाध्याय को सौंप दी गयी है, जो अपने वर्तमान कार्यभार के साथ इस नये विभाग का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे.
मंत्रियों को मंत्रिपरिषद से हटाये जाने के बारे में हालांकि, आधिकारिक रूप से कोई कारण नहीं बताया गया है. वहीं, बसपा सूत्रों ने बताया है कि दोनों मंत्री अपने क्षेत्र के विकास पर ध्यान नहीं दे रहे थे, इसलिए उन्हें उनके पद से हटाया गया और आगामी विधानसभा चुनाव के लिये टिकट भी काट दिया गया.
उल्लेखनीय है कि अभी हाल ही में मुख्यमंत्री मायावती ने अपने मंत्रिपरिषद के चार और मंत्रियों उच्च शिक्षा मंत्री राकेशधर त्रिपाठी, कृषि शिक्षा मंत्री राजपाल त्यागी, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अवधेश वर्मा और होमगार्ड विभाग के राज्यमंत्री हरिओम को बर्खास्त कर दिया था.
मंत्रिपरिषद से हटाये गये दो मंत्रियों को जोड़कर प्रदेश में अब तक कुल 13 मंत्री विभिन्न आरोपों में अपने पद से हटाये जा चुके हैं. उल्लेखनीय है कि परिवार कल्याण विभाग के मुख्य चिकित्साधिकारी बीपी सिंह की अप्रैल में हुई हत्या के बाद चली जांच में विभागीय भ्रष्टाचार सामने आने पर तत्कालीन परिवार कल्याण मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और स्वास्थ्य मंत्री अनन्त कुमार मिश्र को अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ा था, जबकि पांच मंत्री तत्कालीन धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री राजेश त्रिपाठी, माध्यमिक शिक्षामंत्री रंगनाथ मिश्र, दुग्ध विकास राज्यमंत्री अवधपाल सिंह यादव, श्रममंत्री बादशाह सिंह और अंबेडकर गांव विकास मंत्री रतनलाल अहीरवार भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों में लोकायुक्त की रिपोर्ट पर अपने पद से हटाये गये थे.
लोकायुक्त एन के मेहरोत्रा ने भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों में मुख्यमंत्री मायावती को भेजी अपनी रिपोर्ट में लघु उद्योग विकास मंत्री चन्द्रदेवराम यादव को पद से हटाये जाने की संस्तुति की है, जबकि प्रदेश के कद्दावर मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित तेरह और मंत्री लोकायुक्त के जांच घेरे में हैं.