उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने विकास कार्यो तथा कानून एवं व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये आज समय सीमा तय करते हुए कहा वह जमीनी हकीकत जानने के लिये औचक निरीक्षण कार्य शुरू करेंगी.
मुख्यमंत्री प्रदेश में जारी विकास कार्यो की प्रगति तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा सम्बन्धी बैठक में कहा कि वह कानून-व्यवस्था की हालत में सुधार और विकास कार्यो में गुणात्मक सुधार कर तेजी लाने के लिये दो महीने की मोहलत दे रही हैं.
मायावती ने कहा, ‘प्रदेश में कानून-व्यवस्था तथा विकास कार्यो की स्थिति की हकीकत जानने के लिये अगले साल एक फरवरी से प्रदेश के सभी 72 जिलों में औचक निरीक्षण की मुहिम शुरू की जाएगी.’ उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान वह अधिकारियों के साथ बैठक करने के बजाय सीधे सम्बन्धित क्षेत्र का दौरा करके आम लोगों से प्रतिक्रिया लेंगी.
मुख्यमंत्री ने आगाह किया कि औचक निरीक्षण के दौरान कहीं कोई कमी पाए जाने पर सम्बन्धित अधिकारी को सुधार के लिये कुछ मोहलत दी जाएगी अथवा उनका गैर महत्वपूर्ण पद पर तबादला किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काम में किसी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
विकास कार्यो तथा कानून एवं व्यवस्था की स्थिति की प्रशासनिक स्तर पर त्रिस्तरीय समीक्षा सम्बन्धी व्यवस्था के बारे में विस्तार से बताते हुए मायावती ने बताया कि कानून-व्यवस्था में प्रभावी सुधार के लिये गृह विभाग के प्रमुख सचिव, पुलिस महानिदेशक तथा अपर पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) को राज्य के अलग-अलग क्षेत्र सौंपे गए हैं.
मायावती ने शहरों को विकसित करने के अभियान के पहले चरण में कई स्थानों पर काम में देर होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य सलाहकार परिषद के अध्यक्ष सतीश चंद्र मिश्र को स्थलीय निरीक्षण के लिये अधिकृत किया है.
अयोध्या विवाद सम्बन्धी मुकदमे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के गत 30 सितम्बर को सुनाए गए फैसले के बाद और हाल में सम्पन्न त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के दौरान प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिये राज्य पुलिस की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने आगामी छह दिसम्बर को विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी के मद्देनजर सतर्कता बरतने के आदेश दिये.