केंद्र और पंजाब सरकार को दलित विरोधी करार देते हुए उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने कहा है कि पंजाब के लोगों को पार्टी के संस्थापक कांशीराम की इच्छा को पूरी करते हुए सूबे में भी बहुजन समाज पार्टी की सरकार बनाना चाहिए.
बहुजन समाज पार्टी प्रमुख तथा उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने पडोसी नवांशहर जिले में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र की संप्रग सरकार और राज्य की सरकार दलित विरोधी है. दलित ही नहीं बल्कि पंजाब के सर्व समाज के लोगों को यह चाहिए कि वह पार्टी के संस्थापक कांशीराम की इच्छा को पूरा करें.’
मायावती ने कहा, ‘कांशीरामजी की इच्छा पंजाब में बसपा की सरकार बनाने की थी, लेकिन यहां अभी तक नहीं बन पायी है. हालांकि उत्तर प्रदेश ने उनकी इस इच्छा को पूरा कर दिया है. हमारे इस नेता को सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब अप राज्य में पार्टी की सरकार बनायेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘पंजाब में अगर पार्टी की सरकार बनती है तो यहां भी उत्तर प्रदेश की तर्ज पर सर्व समाज के विकास के लिए काम किया जाएगा.’
हाथियों की मूर्तियों को ढंकने के बारे में उन्होंने किसी का नाम लिये बगैर कहा, ‘इससे हमारे चुनाव चिन्ह का प्रचार हुआ है. विरोधियों की साजिश का फायदा हमें मिला है और जो लोग इस बारे में नहीं जानते थे अब उन्हें भी इसकी जानकारी हो गयी है. इसके साथ ही मायावती ने महंगाई के लिए कांग्रेस को और दलितों के पिछडे होने के लिए राज्य सरकार को जमकर कोसा और कहा कि बसपा के सत्ता में आने पर सूबे में समता मूलक समाज की स्थापना उनका सर्वप्रथम लक्ष्य है.
मायावती ने उत्तर प्रदेश में अपनी उपलब्धियों और वंचित समाज के कल्याण के लिए चलायी गयी योजनाओं के बारे में भी लोगों को बताया. इसके साथ ही उन्होंने भ्रष्टाचार के लिए भाजपा और कांग्रेस को समान रूप से दोषी करार दिया.