मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री मायावती और हाथियों की मूर्तियों को ढंका जाएगा.
एसवाई कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मूर्तियों को ढंके जाने का निर्णय एक सामान्य चुनावी फैसला है.
विपक्षी दलों की पुरजोर मांग के बीच निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में आसन्न विधानसभा चुनावों के चलते लागू चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर राज्य में विभिन्न स्थानों पर सरकारी धन से लगायी गयी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के चुनाव चिह्न हाथी तथा पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियों को ढंकने के आदेश दिये.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा, ‘हमने फैसला किया है कि राज्य में जगह-जगह लगी हाथियों और मुख्यमंत्री मायावती की मूर्तियों को ढंका जाएगा.’ उन्होंने कहा कि चूंकि यह मामला आचार संहिता से जुड़ा है, लिहाजा इस फैसले पर जल्द से जल्द अमल किया जाएगा.
कुरैशी ने कहा, ‘हमारा मकसद है कि चुनाव के दौरान किसी को भी सियासी लाभ नहीं मिले. यहां तक कि कार्यालयों में लगी नेताओं की तस्वीरों को भी हटाया जा रहा है.’
गौरतलब है कि विभिन्न विपक्षी राजनीतिक दलों ने आयोग के दल के साथ मुलाकात के दौरान मांग की थी कि राज्य में जगह-जगह लगी मायावती और उनके चुनाव निशान की मूर्तियों से आचार संहिता का उल्लंघन हो रहा है लिहाजा उन्हें हटाया या ढंका जाए.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों के नाम वाले कैलेंडरों को भी हटाया जाएगा. उन्होंने कहा ‘संतुलन बनाए रखने की कोशिश के तहत ऐसा किया जा रहा है.’
राज्य के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों को हटाने की विपक्षी दलों की मांग के बारे में पूछे जाने पर कुरैशी ने कहा कि आयोग दिल्ली में बैठक कर सलाह-मशविरे के बाद इस सिलसिले में कोई कार्रवाई करेगा.
उन्होंने कहा कि विभिन्न विपक्षी दलों ने आयोग के दल से मुलाकात के दौरान चुनाव में प्रशासनिक तंत्र को तटस्थ बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है. साथ ही उनमें काले धन के इस्तेमाल, धन के लेनदेन तथा शराब के वितरण को लेकर भी चिंताएं व्याप्त हैं जिन्हें दूर किया जाना चाहिये.
कुरैशी ने कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने उन्हें कुछ सुझाव दिये हैं साथ ही यह भी कहा है कि धार्मिक स्थलों पर नफरत फैलाने वाले भाषण या एलान नहीं हों.
उन्होंने बताया कि मंडल स्तरीय अधिकारियों के साथ दो दिन तक चली समीक्षा बैठक सम्पन्न हो गयी है. इस दौरान उन्हें स्पष्ट रूप से निर्देश दिये गये हैं कि प्रशासनिक तंत्र की तटस्थता हर हाल में सुनिश्चित की जाए.
कुरैशी ने कहा कि बेनामी धन की धरपकड़ के लिये दस्ते तथा निगरानी टीमें गठित की गयी हैं और ऐसी रकम को जब्त किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि अब तक साढ़े सात करोड़ रुपए की बेनामी रकम जब्त की जा चुकी है.
कुरैशी ने कहा कि आयकर विभाग हवाई अड्डों, होटलों, हवाला कारोबोरियों तथा वित्तीय सलाहकारों पर धन के लेन-देन को रोकने के लिये पूरी मदद कर रहा है. उन्होंने बताया कि धन के लाने तथा ले जाने पर कड़ी नजर रखने के लिये 102 खर्च पर्यवेक्षक तथा 403 सहायक पर्यवेक्षकों की तैनाती की गयी है. ये सभी आयकर राजस्व सेवा के कर्मी हैं. इसके अलावा 403 सामान्य पर्यवेक्षक भी तैनात किये जायेंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि राज्य में शराब के उत्पादन तथा बिक्री पर भी पैनी निगाह रखी जायेगी. उन्होंने कहा कि अधिकारियों से मीडिया रिपोर्टो को औपचारिक शिकायतों के तौर पर लेने तथा उन पर कार्रवाई करने को कहा गया है.
अपराधियों को चुनाव लड़ने से वंचित करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार से बार-बार आग्रह किया जा रहा है.
कुरैशी ने कहा कि फोटोयुक्त मतदाता सूचियों को तैयार करने का काम सभी जगह लगभग पूरा हो चुका है और अब सिर्फ मतदाता पहचान पत्र को ही पहचान के लिये अनिवार्य किये जाने का वक्त आ गया है.
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने मांग की थी कि मायावती और हाथियों की मूर्तियों को चुनाव तक ढंक दिया जाए, ताकि कोई पार्टी इसका चुनावी फायदा नहीं उठा सके.
बहरहाल, आयोग के इस अप्रत्याशित फैसले के बाद सियासी गलियारे में हर बड़ी पार्टी इसके नफा-नुकसान के आंकलन में जुट गई है.