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सफलता के लिए मेहनत जरूरी: ओलंपिक विजेता

इंडिया टुडे माइंड रॉक्‍स यूथ समिट 2012 में ओलंपिक में भारत का परचम लहराने वाले खिलाडि़यों ने खुलकर अपने दिल की बात रखी. सभी की बातों का निचोड़ यही रहा कि सफलता के लिए मेहनत सबसे ज्‍यादा जरूरी है.

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इंडिया टुडे माइंड रॉक्‍स यूथ समिट 2012 में ओलंपिक में भारत का परचम लहराने वाले खिलाडि़यों ने खुलकर अपने दिल की बात रखी. सभी की बातों का निचोड़ यही रहा कि सफलता के लिए मेहनत सबसे ज्‍यादा जरूरी है. शूटर विजय कुमार ने जहां अपनी सफलता को आर्मी की देन बताया तो वहीं मेरी कॉम ने इसे अपनी मेहनत का फल बताया. पहलवान सुशील कुमार का मानना है कि हमारे देश में काफी कुछ बदल रहा है.

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ओलंपिक में सिल्‍वर मेडल विजेता शूटर विजय कुमार ने कहा कि मेरी सफलता आर्मी की देन है. वहां मुझे मौका मिला और मैंने उसे साबित कर दिखाया. मैंने कई सारे गेम्‍स में हाथ आजमाया लेकिन सफलता मुझे शूटर के रूप में मिली. यह मेरा पहला ओलंपिक था और पदक हासिल किया. यह मेरे लिए और मेरे देश के लिए काफी गर्व की बात है. खेल रत्‍न सम्‍मान भी इसी कारण मिला.

बॉक्‍सर मेरी कॉम ने कहा कि लड़के जब बॉक्सिंग कर सकते हैं तो लड़कियां क्‍यों नहीं. और भी काफी लोगों ने कहा, फिर मैंने सोचा कि मुझे कहने से नहीं मुझे साबित करके दिखाना है. मेरी बॉक्सिंग के विषय में मेरे पिता को भी नहीं पता था. मैंने सफलता पाने के लिए काफी मेहनत की. इसी कारण मुझे ओलंपिक में भी मेडल मिला. आज के युवाओं के‍ लिए मुझे कहना है कि सफलता पाने के लिए मेहनत काफी जरूरी है.

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कांस्‍य पदक विजेता शूटर गगन नारंग ने कहा कि जितना सम्‍मान अपने देश में मिलता है उतना किसी और देश में देखने को नहीं मिलता.

ऐसा ही कहना था पहलवान सुशील कुमार का. सुशील ने कहा कि हमारे देश में काफी कुछ बदल रहा है और आने वाले समय में और भी बदलाव देखने को मिलेंगे. सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक में सिल्‍वर मेडल जीता था.

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