एम्स की पीजी प्रवेश परीक्षा में नकल कराने वाले एक गैंग का पर्दाफाश हुआ है. इस रैकेट में एक डॉक्टर और दो एमबीए छात्र समेत पांच लोग पकड़े गए हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने जब खुफिया सूचना मिलने पर इस गिरोह को पकड़ा तो वो भी इसके हाईटेक तरीके से हैरान हो गई.
दिल्ली और नोएडा में क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़े हैं असल जिंदगी के मुन्नाभाई जिन्होंने किया है चौंकाने वाला खुलासा. पुलिस के हत्थे चढ़े हैं देश के सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान एम्स के पीजी एंट्रेस में नकल कराने वाले मास्टर माइंड.
इस रैकेट के मास्टर माइंड हैं मोहित चौधरी. मोहित उज्जैन में मेडिकल का छात्र है. इसके दूसरे साथी हैं एमबीए के छात्र कपिल कुमार और कृष्ण प्रताप. इस गैंग का चौथा मास्टर माइंड है टीवी चैनल का प्रोग्रामर भीष्म सिंह. और पांचवा मेडिकल छात्र डॉ अमित पुनिया.
कैसे काम करता था गैंग
क्राइम ब्रांच के मुताबिक रैकेट का सरगना मोहित चौधरी 25 से 30 लाख रुपए में एम्स के पीजी एंट्रेस में एडमिशन का सौदा तय करता.
परीक्षा में डमी कैंडिडेट के तौर पर एमबीए छात्र कपिल और कृष्ण बैठते. ब्लू टूथ के जरिए क्वेशचन पेपर की फोटो खिंचते, और उसे ईमेल से ग्रेटर नोएडा के अपने कंट्रोल रुम भेजते.
वहां बैठा भीष्म सिंह उसकी कॉपी कर मोहित के पास भेजता. मोहित सवालों के जवाब तैयार करता और फिर मोबाइल से उन छात्रों को जवाब बता देता जो पीजी दाखिले की परीक्षा दे रहे होते. पुलिस के हत्थे चढ़ा डॉ अमित पुनिया ऐसा ही एक छात्र है.
इस रैकेट में और कौन कौन लोग शामिल हैं पुलिस जांच कर रही है, मुमकिन है कई छात्र एम्स में पहले दाखिला भी ले चुके हों. वहीं एम्स के लोगों की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया जा सकता.