अंतरिक्ष यान डिस्कवरी अगले हफ्ते अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. इस बार डिस्कवरी में छह अंतरिक्ष यात्रियों के अलावा 16 चूहे भी अंतरिक्ष की सैर करेंगे.
चूहों की यह ऐतिहासिक यात्रा दरअसल उस वैज्ञानिक प्रयोग का हिस्सा है जिसमें उस प्रतिरोधक प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा जो अंतरिक्ष यात्रियों को वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण से बचाएगी.
नासा इस संबंध में बीते 25 वर्ष से अध्ययन कर रहा है और प्रयोगशाला में जंतुओं के साथ ही अंतरिक्ष यात्रियों के आंकड़े भी जमा कर रहा है.
प्रयोग से जुड़े डॉक्टर रॉबर्ट गरोफालो ने बताया कि अपोलो मिशन के बाद से ही हमें इस बात के प्रमाण मिल गए थे कि अंतरिक्ष यात्री उड़ान और इसके फौरन बाद वायरस एवं बैक्टीरिया के संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं. उन्हें जुकाम और फ्लू के साथ ही मूत्रमार्ग में संक्रमण का खतरा पैद हो जाता है.
उन्होंने बताया कि इस परीक्षण का मकसद अंतरिक्ष यान में अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही धरती पर रहने वाले लोगों उन लोगों के प्रतिरोधक तंत्र को बेहतर बनाना है जिनमें ऐसे संक्रमण की ज्यादा आशंका रहती है.