महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के उपनगरीय इलाके पोवई में शनिवार को दिन दहाड़े अंग्रेजी दैनिक मिड-डे के वरिष्ठ पत्रकार की हत्या कर दी गयी. उन्होंने दो दशक में अंडरवर्ल्ड और अपराध पर सघन रिपोर्टिंग की थी.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) रजनीश सेठ ने यहां बताया कि करीब साढ़े तीन बजे मिड-डे के संपादक (विशेष जांच) ज्योति डे की अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त विश्वास नागड़े पाटिल के अनुसार पोवई के हीरानंदानी इलाके में चार लोग दो मोटरसाइकिल से आए और उन्होंने डे पर कई राउंड गोलियां चलाईं. डे मोटरसाइकिल से जा रहे थे.
पुलिस के अनुसार गोलियां लगने के बाद डे को समीप के हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस के मुताबिक हमला करने के बाद हमलावर घटनास्थल से फरार हो गए. आगे की जांच जारी है.
इस हत्या पर गहरा दुख प्रकट करते हुए राज्य के लोकनिर्माण मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि उक्त पत्रकार ने किसी गिरोह या माफिया को विशेष तौर पर ‘निशाना’ नहीं बनाया.
जब भुजबल से पूछा गया कि क्या इस हत्या का अंडरवर्ल्ड या ऑयल माफिया से संबंध हो सकता है, पूव गृहमंत्री भुजबल ने कहा कि डे एक ईमानदार व्यक्ति थे. वह अंडरवर्ल्ड पर लिखा करते थे. वह किसी एक को विशेष रूप से निशाना नहीं बनाते थे चाहे वह गिरोह हो या कोई (तेल) माफिया.
मिड-डे के संपादक सचिन कालबाग ने कहा है कि डे की हत्या अखबार के लिए बहुत बड़ी क्षति है. उन्होंने कहा कि खोजी पत्रकारिता में विशेषज्ञता के कारण डे को नये क्राइम संवाददाता ‘गुरू’ कहते थे.कालबाग ने कहा कि फिलहाल इस हत्या के पीछे की मंशा तय करना जल्दबाजी होगी.
इसी बीच राज्य के गृहमंत्री आर आर पाटिल ने कहा है कि राज्य सरकार ने डे की हत्या को बहुत गंभीरता से लिया है. उन्होंने कहा कि मैंने निर्देश दिए हैं कि अपराधियों को यथाशीघ्र गिरफ्तार किया जाए. पाटिल ने कहा कि फिलहाल हत्यारों की पहचान के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता लेकिन इस अपराध के पीछे जो कोई भी हो, उसे गिरफ्तार किया जाएगा.
उनका कहना था कि डे ने इस बात की शिकायत नहीं की थी कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही है. उधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि हाल ही में ऑयल माफिया पर कई खबरें देने वाले डे को असामाजिक तत्वों से धमकियां मिली थीं.
भुजबल का कहना है कि डे की हत्या पूर्व नियोजित जान पड़ती है. उन्होंने कहा कि जिस तरीके से डे की गोली मारकर हत्या की गयी है, उससे लगता है कि यह सुनियोजित था. इसके पीछे कोई माफिया होगा. हमें इस दुखद खबर सुनकर झटका लगा है. इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई के प्रवक्ता माधव भंडारी ने इस हत्या को बेहद ही चौंकाने वाली घटना करार देते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि राज्य के गृहविभाग का कानून व्यवस्था पर से नियंत्रण खत्म हो गया है.
कालबाग ने कहा कि मिडडे के समाचार कक्ष में सभी स्तब्ध हैं. उन्होंने कहा कि हम सभी पूरी तरह स्तब्ध हैं. यह कहना जल्दबाजी होगा कि यह क्यों और कैसे हुआ. इस बात कोई संकेत नहीं था कि वह फिलहाल ऐसी किसी बड़ी खबर पर काम रहे थे जिससे कोई असहज स्थिति में आ सकता था. डे ने इंडियन एक्सप्रेस और हिंदुस्तान टाईम्स समेत कई बड़े अखबारों में काम किया था.
पिछले महीने मिड-डे के पत्रकार ताराकांत द्विवेदी उर्फ अकेला को सरकारी रेलवे पुलिस ने भारतीय दंड संहिता और सरकारी गोपनीयता कानून के तहत गिरफ्तार किया था. उससे पहले द्विवेदी ने पिछले साल जून में सीएसटी रेलवे स्टेशन पर सरकारी युद्धागार में कथित रूप से प्रवेश किया था और उसकी बदहाली पर एक खबर लिखी थी.
द्विवेदी की गिरफ्तारी पर डे की अगुवाई में इस अखबार के कर्मचारियों ने और कई पत्रकार संघों ने पाटिल से भेंट की थी और पुलिस की कार्रवाई को प्रेस की आजादी पर हमला बताया था.