ऊर्जा और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने ‘कोलगेट’ मामले में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का बचाव किया है. उन्होंने कहा कि इस मामले में मनमोहन सिंह किसी भी तरह से जिम्मेदार नहीं हैं.
एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बचाव में कहा कि उन्हें ‘कोलगेट’ के लिये जिम्मेदार ठहराना ‘अनुचित’ होगा, क्योंकि जांच समिति ने सामूहिक रूप से कोयला ब्लॉक आवंटन पर निर्णय लिया था.
मोइली ने संवाददाताओं से कहा कि एक विस्तृत जांच समिति ने कोयला ब्लॉक के आवेदनों की जांच एवं मूल्यांकन का काम किया था. इस समिति में राज्य सरकारों, केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों और कोयला कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल थे.
उन्होंने कहा, ‘जांच समिति के कई सदस्यों ने यह फैसला किया था, इसलिये प्रधानमंत्री को कोलगेट का जिम्मेदार ठहराना अनुचित है.’ साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि निजी कंपनियों को कोयला ब्लॉक आवंटित करने की नीति संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की ओर से लायी गयी कोई नयी नीति नहीं थी, बल्कि राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) समेत पिछली सरकारों ने भी जांच समिति के जरिये कोयला ब्लाक आवंटित किये थे.
मोइली ने कहा कि कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग (भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक) की रिपोर्ट संसद की लोकलेखा समिति को भेजी जाएगी और बाद में लोकसभा में पेश की जाएगी.
गौरतलब है कि कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2005 से 2009 के दौरान बोली लगाये बिना ही 57 कोयला ब्लॉक आवंटित कर निजी कंपनियों को एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये तक का फायदा पहुंचाया गया. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को वादा किया था कि कैग रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दों पर पर्दा नहीं डाला जायेगा.