जम्मू-कश्मीर से सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून (एएफएसपीए) को आंशिक रूप से हटाए जाने की घोषणा की सराहना करते हुए हुर्रियत कान्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने राज्य से सेना को पूरी तरह हटाए जाने की मांग की.
मीरवाइज ने जामिया मस्जिद में नमाज के लिए एकत्रित लोगों को संबोधित करते हुए कहा ‘‘सरकार ने आज फैसला किया है कि कानून (एएफएसपीए) कश्मीर के कुछ हिस्सों से हटा लिया जाएगा. हालांकि ऑल पार्टीज हुर्रियत कान्फ्रेंस इस रुख का स्वागत करती है फिर भी यह कोई एक जिले या एक क्षेत्र का मुद्दा नहीं है. यदि आप स्थिति में वास्तव में बदलाव चाहते हैं, तो आपको समूचे जम्मू-कश्मीर से सेना हटाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए.’’
उन्होंने कहा कि विसैन्यीकरण से एक मार्ग प्रशस्त होगा जहां वार्ता के जरिए समाधान निकल सकता है. हुर्रियत नेता ने कहा कि विश्वास बहाली के इन उपायों से स्थिति में कुछ राहत मिल सकती है लेकिन यह कश्मीर मुद्दे का राजनीतिक समाधान नहीं हो सकता.
भारत को सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा दिए जाने के पाकिस्तान के फैसले पर टिप्पणी करते हुए मीरवाइज ने कहा कि कश्मीरी हमेशा चाहते हैं कि दोनों पड़ोसी करीब आएं.