मध्य प्रदेश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मजदूरी का भुगतान ई-पेमेन्ट के जरिए होगा. इसकी शुरुआत हरदा जिले की ग्राम-पंचायत गाहल से हो रही है. राज्य द्वारा शुरू की गई यह पायलट परियोजना है. इस प्रक्रिया के जरिए मजदूरी की राशि सीधे मजदूर के खाते में पहुंचेगी.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान ई-पेमेंट के माध्यम से होने से इसमें होने वाली देरी को रोका जा सकेगा.
उन्होंने बताया है कि मनरेगा के तहत मजदूरी के भुगतान में होने वाले विलम्ब से निजात दिलाने के लिए शीघ्र ही प्रदेश में इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम लागू कर ई-पेमेंट किया जाएगा. इसकी शुरुआत इस माह के अंत में हरदा जिले की गाहल से होगी.
भुगतान प्रक्रिया का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में प्रत्येक जनपद पंचायत में समस्त ग्राम-पंचायतों का एक पूल अकाउंट होगा, जिसके माध्यम से जनपद पंचायत में मजदूरी का भुगतान सीधे मजदूरों के खातों में किया जाएगा.
इस प्रक्रिया के लागू होने से अब ग्राम पंचायतों में मजदूरी के भुगतान में धन की कमी की समस्या भी समाप्त हो जाएगी. इस व्यवस्था से चेक जमा करने एवं चेक के क्लीयरेंस सम्बंधी परेशानियों से मजदूरी भुगतान में होने वाली अनावश्यक देरी को रोका जा सकेगा.
इस भुगतान की प्रक्रिया को इलेक्ट्रॉनिक फंड मैनेजमेंट सिस्टम के नाम से जाना जाता है. इस प्रक्रिया में सॉफ्टवेयर द्वारा मजदूरों को होने वाले भुगतान की सूची इस सिस्टम पर तैयार हो जाएगी. क्रियान्वयन एजेंसी के भुगतान प्राधिकारी ग्राम पंचायत सचिव एवं सरपंच द्वारा भुगतान सूची का सत्यापन डिजीटल हस्ताक्षर द्वारा किया जाएगा.
भुगतान प्राधिकारियों द्वारा प्रमाणित सूचियों को बैंक के सर्वर पर डाला जाएगा. सर्वर पर सूची डालने के कुछ समय बाद ही मजदूरों के खातों में मजदूरी का भुगतान हो जाएगा.