मोबाइल फोन ग्राहकों को अब पूरे देश में बिना अपना नंबर बदले आपरेटर बदलने की आजादी होगी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को देश भर में मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (एमएनपी) नाम की इस सेवा के लागू होने की औपचारिक घोषणा की. इससे जीएसएम और सीडीएमए दोनों श्रेणियों में 70 करोड़ मोबाइल ग्राहकों को लाभ होगा.
एमएनपी के तहत ग्राहकों को अपना नंबर बदले बिना ऑपरेटर बदलने की सुविधा मिलेगी. माना जा रहा है कि एमएनपी सेवा के साथ अब आपरेटरों का ध्यान नए ग्राहक बनाने के बजाय अपने पुराने ग्राहकों को रोकने पर रहेगा. मोबाइल उपभोक्ता को अपने नेटवर्क को बदलने के लिए अधिकतम 19 रुपये का शुल्क देना होगा.
नए ऑपरेटर जिसकी ओर ग्राहक स्थानांतरित हो रहा है, उसे यह विकल्प होगा कि वह इस शुल्क को समाप्त कर दे या इसमें कटौती कर दे. दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई के दिशानिर्देर्शों के अनुसार, ग्राहक को नया ऑपरेटर सात कार्यदिवसों में मिल जाएगा.
इस सेवा की शुरुआत की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘अभी तक ऑपरेटर नए ग्राहक हासिल करने के लिए संघर्ष करते थे. अब इस सेवा के शुरू होने के बाद ऑपरेटरों को पुराने ग्राहकों को कायम रखने के लिए नवप्रवर्तन तथा बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाएं देनी होंगी.’ प्रधानमंत्री ने अपने बगल में बैठे दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को कॉल करके इस सेवा की शुरूआत की. {mospagebreak}
सिंह ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों के लिए उत्प्रेरक का काम करेगा. देश में हर माह मोबाइल ग्राहकों की संख्या में डेढ़ करोड़ से अधिक का इजाफा हो रहा है. फोन घनत्व 65 प्रतिशत पर पहुंच चुका है. मार्च, 2004 में भारत में दूरसंचार कनेक्शनों की संख्या 3.3 करोड़ थी, जो आज की तारीख में 75 करोड़ के आसपास पहुंच चुकी है.
दूरसंचार ऑपरेटरों ने एमएनपी की शुरूआत का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे ग्राहकों को खराब सेवाएं देने वाले ऑपरेटरों को बदलने की आजादी मिलेगी. ग्राहक को राजा बताते हुए दूरसंचार मंत्री सिब्बल ने कहा कि इस सेवा से ग्राहकों को चयन के विकल्प मिलेंगे. उन्होंने कहा, ‘एमएनपी के बाद ऑपरेटरों पर नवप्रवर्तन वाली प्रतिस्पर्धी दर योजनाओं की पेशकश करनी होगी, जिससे ग्राहकों को फायदा होगा.’
मंत्री ने कहा कि आपरेटरों को अपनी सेवाओं का स्तर सुधारने के लिए नेटवर्क, प्रौद्योगिकी तथा प्रक्रियाओं में उल्लेखनीय निवेश करना होगा. हालांकि, विकसित देशों की तुलना में भारत में एमएनपी सेवा शुरू होने में विलंब हुआ है पर इसके लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी और प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है.
सिब्बल ने कहा कि अभी एमएनपी सेवा सर्किलों के भीतर ही मिलेगी. ग्राहकों के हित वाली एमएनपी सेवा का विचार दो साल पहले पेश किया गया था. इसे पहले 2009 के अंत में लागू किया जाना था, पर इसमें कई बार विलंब हुआ, क्योंकि आपरेटरों की तैयारियां इसके लिए पूरी नहीं थीं. एमएनपी सेवा का लाभ लेने के लिए ग्राहक को किसी भी ऑपरेटर के साथ कम से कम तीन माह तक रहना होगा. प्रीपेड और पोस्टपेड ग्राहक दोनों एमएनपी सेवा का इस्तेमाल कर सकते हैं.