गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोप लगाया कि माओवादियों के हाथों सुरक्षाकर्मियों की हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी केंद्र की ‘नाकामी’ को जाहिर करती है लेकिन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया.
आंतरिक सुरक्षा के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन से इतर मोदी ने कहा, ‘नक्सलियों के हाथों हताहत होने वाले नागरिकों की संख्या में बढ़ोतरी होने संबंधी प्रधानमंत्री के बयान में श्रेय लेने वाली कोई बात नहीं है. यह सरकार की नाकामी है.’
उन्होंने कहा, ‘अब से पहले, सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने वाले नक्सलियों और उग्रवादियों की संख्या अधिक थी लेकिन अब अधिक संख्या में पुलिस अधिकारी और नागरिक (माओवादी हमलों में) मारे गये हैं.’ चिदंबरम ने इस आरोप का यह कहते हुए खंडन किया कि उन्होंने अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया है कि नक्सल समस्या एक ‘गतिरोध’ है.
उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह कहना निष्पक्ष है कि नक्सल प्रभावित राज्यों में हालात बदतर हुए हैं. जैसा कि मैंने अपनी शुरूआती टिप्पणी में कहा था कि यह एक तरह का गतिरोध है. अब मैं इस बात को लेकर आश्यर्चचकित हूं कि किसी ने कहा है कि हालात बदतर हो गये हैं.’ मोदी ने काला धन के मुद्दे पर केंद्र पर ‘दोहरा मानदंड’ अपनाने का भी आरोप लगाया.{mospagebreak}
मोदी ने कहा, ‘इस बैठक के एजेंडा पत्र में धन समाशोधन से होने वाले नुकसान का जिक्र किया गया लेकिन जब कभी विदेशों से काले धन को वापस लाने की बात की जाती है तब वे इसे कर चोरी के मामले बताते हैं. यह और कुछ नहीं बल्कि सरकार का दोहरा मानदंड है.’ गुजरात के मुख्यमंत्री ने गृहमंत्री के एक पत्र में शामिल उस मुद्दे को भी उठाया, जिसमें राज्यों को आस्ट्रिया और जर्मनी से हथियारों की खरीददारी रोकने को कहा गया था.
इन दोनों देशों ने पंजाब, जम्मू कश्मीर, आंध्र प्रदेश और उड़ीसा में कथित मानवाधिकार हनन का जिक्र करते हुए भारत को हथियारों की आपूर्ति करने से इंकार कर दिया है.
गृहमंत्री ने राज्यों को लिखे एक पत्र में उन्हें इन दोनों यूरोपीय देशों से हथियारों की खरीद रोकने तथा उनकी जगह तुर्की, रूस और अमेरिका से हथियार खरीदने को कहा है.
मोदी ने कहा, ‘राज्यों को पत्र लिखने के बजाय केंद्र को आस्ट्रिया एवं जर्मनी को काली सूची में डाल देना चाहिए.’ चिदंबरम ने आस्ट्रिया और जर्मनी के मुद्दे पर कहा कि यह पत्र सिर्फ एक परामर्श था.