प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘विदेशियों के लिए सिंघम’ करार देते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि देश यह जानना चाहता है कि खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने के फैसले से कितने ‘इतालवी उद्योगपतियों’ को फायदा होगा.
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘आप (प्रधानमंत्री) विदेशी व्यापारियों को भारत में आने की अनुमति दे रहे हैं. देश यह जानना चाहता है कि इसमें इटली के कितने फीसदी उद्योगपति होंगे.’
एक युवा सम्मेलन को अपने संबोधन में मोदी ने कहा, ‘इटली के कितने उद्योगपति इसका फायदा उठाने जा रहे हैं? भारत में किराने की दुकानें चलाने के लिए इटली से कितने व्यापारी यहां आ रहे हैं?’
प्रधानमंत्री ने कथित तौर पर कहा था कि वह आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए मरते दम तक लड़ेंगे. इसका संदर्भ देते हुए मोदी ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह रातोंरात सिंघम बन गए.’ सिंघम बॉलीवुड की एक फिल्म का नाम है, जिसमें अजय देवगन ने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई है.
मोदी ने कहा, ‘डॉ. मनमोहन सिंह, आपकी हड्डियों में इतनी ताकत नहीं है कि आप मरते दम तक लड़ सकें. इसकी जगह आपको कहना चाहिए था, ‘हम मरते-मरते लड़ेंगे.’
उन्होंने कहा, ‘उनके (मनमोहन सिंह के) आठ साल के शासन में मैंने प्रधानमंत्री को केवल दो बार ही दृढ़ रहते और सर ऊंचा रखते देखा है. पहली बार तब, जब वह अमेरिका के साथ परमाणु संधि पर हस्ताक्षर कर रहे थे और उनके सहयोगी इसका विरोध कर रहे थे. उन्होंने कहा था कि मेरी सरकार जाती है तो जाए, मैं परमाणु संधि पर हर कीमत पर हस्ताक्षर करूंगा.’
मोदी ने कहा, ‘जब भ्रष्टाचार के मुद्दे की बात हो तो प्रधानमंत्री बाधा के तौर पर गठबंधन धर्म का हवाला दे देते हैं.’ उन्होंने कहा ‘(लेकिन) दूसरी बार प्रधानमंत्री ने फिर से यह विदेशियों के लिए (सहयोगियों की अवज्ञा कर) किया, ताकि वे भारत के व्यापार पर प्रभुत्व के लिए यहां आ सकें और रोजगार छीन सकें.’