संजीव भट्ट के बाद एक अन्य आईपीएस अधिकारी राहुल शर्मा नरेन्द्र मोदी सरकार के कोप के शिकार हुए हैं जिन्हें अधिकारियों ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा गया है कि एसआईटी सहित विभिन्न एजेंसियों को 2002 के दंगों के कॉल रिकार्ड की सीडी देने के चलते उनके खिलाफ क्यों न आरोप पत्र पेश किया जाए.
डीआईजी रैंक के अधिकारी शर्मा ने गुजरात उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. शर्मा ने कहा था कि उन्हें उन आधारों के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी कि दंगों के दौरान काल रिकार्ड वाली सीडी को लेकर उन्हें पांच फरवरी को कारण बताओ नोटिस क्यों दिया गया.
न्यायमूर्ति अभिलाषा कुमारी की अदालत में यह याचिका पेश की गयी जिन्होंने इसकी सुनवाई शुक्रवार के लिए तय की है.