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मोदी एक सामान्‍य अपराधी हैं: संजीव भट्ट

जेल से रिहा हुए गुजरात के निलम्बित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने कहा है कि राज्‍य के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सामान्‍य अपराधी समझा जाना चाहिए और अगर गुजरात दंगों में अगर उनकी भूमिका की पुष्टि होती है तो उन्‍हें कानून के दायरे में सजा जरूर मिलनी चाहिए.

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संजीव भट्ट
संजीव भट्ट

जेल से रिहा हुए गुजरात के निलम्बित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने कहा है कि राज्‍य के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सामान्‍य अपराधी समझा जाना चाहिए और अगर गुजरात दंगों में अगर उनकी भूमिका की पुष्टि होती है तो उन्‍हें कानून के दायरे में सजा जरूर मिलनी चाहिए.

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भट्ट ने कहा कि मोदी के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं जो अभी सामने आने हैं. संजीव भट्ट ने कहा कहा कि गुजरात दंगों के लिए मोदी पूरी तरह से जिम्‍मेदार हैं और वो एक आम अपराधी हैं जो गुजरात के मुख्‍यमंत्री बन गए हैं.

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भट्ट को विशेष अदालत ने सोमवार को जमानत दे दी, जिसके बाद वह जेल से रिहा हो गए. इसे गुजरात सरकार के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है. राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर 2002 के साम्प्रदायिक दंगों में संलिप्तता का आरोप लगाने वाले भट्ट ने इसे 'न्याय की जीत' बताया और मोदी को एक बार फिर 'अपराधी' कहा.

फोटो: संजीव भट्ट को जमानत, मोदी को लगा झटका

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उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि मोदी उन्हें मरवाने की कोशिश कर सकते हैं. उन्होंने कहा, 'यह सरकार मुझे मरवाने की कोशिश कर सकती है, जैसा कि इसने पूर्व मंत्री हरेन पंड्या के साथ किया. वे कुछ भी कर सकते हैं और मैं इसके लिए तैयार हूं.'

भट्ट ने कहा, 'मैं नरेंद्र मोदी, उनके पिछलग्गुओं तथा उनके दल में शामिल लोगों के लिए खतरा हूं और वे इसे टालने की कोशिश करेंगे. यदि उन्हें मुझे मारना होगा तो वे इसमें संकोच नहीं करेंगे.'

इससे पहले साबरमती जेल से बाहर आने पर समर्थकों ने फूलों से उनका स्वागत किया. वह पत्नी श्वेता भट्ट के गले मिले, जो बाहर उनका इंतजार कर रही थीं. शांत व संयत दिख रहे भट्ट ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं खुश हूं कि न्याय की जीत हुई. इससे आगे भी जीत की उम्मीद जगी है.' सत्र न्यायाधीश वी. के. व्यास ने इस शर्त पर भट्ट को जमानत दी कि वह जांच में सहयोग करेंगे और जब भी उन्हें बुलाया जाएगा वह अदालत में पेश होंगे.

इस बीच, नई दिल्ली में केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि अदालत के आदेश से न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता स्थापित हुई है. उन्होंने कहा, 'यह मायने नहीं रखता कि लोग क्या अनुमान लगाएंगे और कितने सवाल खड़े होंगे. अंतत: हमने दिखाया कि हमारी व्यवस्था स्वतंत्र है और यह जनमत या किसी अन्य तरह के दबाव में नहीं झुकती.'

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