इस देश का प्रधानमंत्री कैसा हो. क्या यूपीए सरकार से सब खुश हैं. महंगाई के खिलाफ जनता कितने गुस्से में है, कौन है बढ़ती महंगाई का सबसे बड़ा जिम्मेदार. आज अगर चुनाव हो जाएं तो किस करवट बैठेगा ऊंट. ये तमाम सवाल हैं, जो हर भारतीय के मन में अक्सर उठते रहते हैं.
आज तक लेकर आया है ऐसे ही चुभते सवालों के जवाब. वो जवाब जो जनता ने ही दिए हैं. इंडिया टुडे, एसी निल्सन और ओआरजी-मार्ग ने लोगों के बीच जाकर ये सर्वे तैयार किया है. सर्वे को देखें तो ऐसा लगता है कि राहुल अब लोगों के दिलों पर राज करने लगे हैं. लेकिन, मनमोहन सिंह का ग्राफ बुरी तरह गिरा है.
लोगों से पूछा गया था कि कौन होगा आपके सपनों के भारत का प्रधानमंत्री. जो जवाब मिले, वो राहुल की बढ़ती लोकप्रियता को साफ-साफ दिखाते हैं. उनके हक में 29 फीसदी लोगों ने अपना वोट दिया. पिछले साल के सर्वे की तुलना में लोकप्रियता की ये बढ़ोतरी 21 फीसदी है. इतना ज्यादा, जितना कोई लोकप्रिय है भी नहीं. सर्वे के मुताबिक, पिछले साल भर में मनमोहन सिंह की छवि लोगों के दिलों में काफी धूमिल हुई है.
सबसे पसंदीदा पीएम के सवाल पर जवाब में मनमोहन सिंह का ग्राफ बुरी तरह गिरा है. पिछले साल वो लोगों के सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री के उम्मीदवार थे. लेकिन इसबार वो इस श्रेणी में सबसे नीचे हैं. इसबार तो 1 फीसदी लोगों ने ही उन्हें पीएम का अच्छा उम्मीदवार माना. {mospagebreak}
इस सर्वे में सबसे हैरान करने वाली बात जो सामने आई है, वो ये कि अटल बिहारी वाजपेयी आज भी देश के एक बड़े तबके में काफी लोकप्रिय हैं. ना वो पीएम की रेस में हैं और ना वो अब चुनाव लड़ने वाले हैं. फिर भी इस सर्वे में लोग उन्हें पीएम के तौर पर दूसरा सबसे अच्छा उम्मीदवार मानते हैं. इंडिया टुडे के इस सालाना सर्वे में देश और देश के लोगों से जुड़ी कई अहम बातें सामने आई हैं. लेकिन, चुनावी लोकतंत्र की सबसे ऊंची कुर्सी के लिए लोगों की पसंद में इतना बड़ा बदलाव आना बड़े संकेत तो हैं ही.
पसंदीदा प्रधानमंत्री के सवाल पर मनमोहन राहुल से तो पिछड़े ही. सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि वो देश के बाकी के कई नेताओं से भी पीछे हैं. हद ये है कि नरेंद्र मोदी, आडवाणी और मायावती को लोग मनमोहन सिंह से ज्यादा बेहतर पीएम मानते हैं. लोगों से जब मनमोहन सिंह के प्रदर्शन पर सवाल पूछा गया तो इसके जवाब भी चौंकाने वाले ही थे. 2009 के सर्वे की तुलना में उनके लिए हर अच्छे जवाब की मात्रा घट गई है. हां, उन्हें खराब पीएम मानने वाले लोगों की तादाद में भारी इजाफा हुआ है. साल 2009 में जहां सिर्फ 7 फीसदी लोग उन्हें खराब पीएम मानते थे. इस साल 22 फीसदी लोगों का भरोसा उनपर से उठ गया है. {mospagebreak}जब लोगों से पिछले एक साल में यूपीए सरकार के कामकाज के बारे में पूछा गया तो 39 फीसदी लोगों ने इसे औसत कहा और 26 फीसदी ने खराब. मतलब अगर औसत और खराब को जोड़ दें, तो आंकड़ा 65 फीसदी का हो जाता है. हमने सवाल पूछा कि पिछले साल भर में जिंदगी कैसी बदली है. 54 फीसदी लोगों ने कहा जैसी की तैसी है. 30 फीसदी ने बदतर बताया. कुल मिलाकर 84 फीसदी लोगों को कुछ भी ठीक नहीं लग रहा है.
अब बात उस जादू की जो राहुल गांधी ने चलाया है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि राहुल गांधी किन दिलों पर सबसे ज्यादा राज कर रहे हैं. जवाब बताते हैं कि राहुल ने हर दिल पर जादू किया है. पुरुष हों या स्त्री. राहुल गांधी उनकी पहली पसंद हैं. बात युवाओं की करें, तो 18 से 24 साल तक के लोगों में 32 फीसदी राहुल को चाहते हैं. 25 से 44 उम्रवर्ग में भी राहुल को चाहने वाले सबसे ज्यादा है. सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा ग्रामीण और शहरी इलाकों के लोगों के जवाब से मिला है. राहुल का जादू दोनों इलाकों में बराबर चला है. जब यही सवाल हिंदू, मुस्लिम और ईसाई वर्ग के लोगों से पूछा गया, तो मुस्लिम और ईसाई वर्ग के तो लोग उन्हें सबसे ज्यादा पसंद करते ही हैं. हिंदू वर्ग में भी वो सबसे पसंदीदा नेता हैं. {mospagebreak}
देश के 19 राज्यों में 26 जून 2010 से 15 जुलाई 2010 तक किए गए इस सर्वे में 98 लोकसभा क्षेत्रों के 12 हजार 392 वोटरों के सैंपल लिए गए हैं. आम तौर पर इस तरह के सर्वे में महज तीन फीसदी के ही फर्क की संभावना होती है.
वो हों ना हों, लोग आज भी उन्हें याद करते हैं. वो रहें ना रहें, लोग उनके काम को कभी भूल नहीं पाते. मजबूत फैसले, ठोस इरादे, हिम्मती कार्रवाई. इंदिरा गांधी पर भले ही इमरजेंसी की तानाशाही के आरोप लगते रहे हों. लेकिन, लोग आज भी कहते हैं कि पीएम हो तो इंदिरा की तरह. सर्वे में पूछा गया कि अब तक देश का सबसे अच्छा पीएम कौन रहा है. इंदिरा गांधी के हक में सबसे ज्यादा 31 फीसदी लोगों ने जवाब दिया. दूसरे नंबर पर रहे अटल बिहारी वाजपेयी.
वर्तमान प्रधानमंत्री को सबसे कम 7 फीसदी वोट मिले. मतलब साफ है कि ये पब्लिक है, जो सब जानती है. ये जानती है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठकर बड़े और अहम फैसले लेने होते हैं. मुद्दों को सिर्फ टालने से काम नहीं चलता. लोगों के दिल पर राज करने के लिए लोगों के लिए कुछ कड़े फैसले करने होते हैं. और इसीलिए तो इंदिरा गांधी आज भी आम लोगों के जेहन में बसी हुई हैं.