गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के एक नजदीकी सहयोगी पूर्व मंत्री अमित शाह उन बीस लोगों में शामिल हैं, जिनका नाम तुलसी प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में शामिल किया है.
उन पर आपराधिक साजिश में शामिल होने और सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है.
पूर्व राज्य पुलिस प्रमुख पी सी पांडे, आईपीएस अधिकारी ओ पी माथुर, डी जी बंजारा और गीता जौहरी और पुलिस उपाधीक्षक आर के पटेल का नाम भी बनासकांठा जिले के दांता में न्यायिक मजिस्ट्रेट डी आर जोशी के समक्ष दाखिल आरोप पत्र में शामिल है.
तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों का नाम भी आरोप पत्र में शामिल किया गया है जिसमें से दो सेवानिवृत्त हैं. अधिकार क्षेत्र से जुड़े सवाल के कारण अदालत ने आरोप पत्र पर सुनवाई नहीं की.
अदालत सोमवार को अगली सुनवाई पूरी करने के बाद मामले पर फैसला करेगी. सोहराबुद्दीन हत्या मामले में प्रत्यक्षदर्शी प्रजापति की कथित रूप से गुजरात पुलिस के साथ फर्जी मुठभेड़ में मौत हो गई थी.
सत्तारूढ़ भाजपा के लिये यह एक बड़ा झटका माना जा रहा है. वर्ष 2010 में शेख के फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार शाह अब दूसरे फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी बनाये गये हैं. उन पर प्रजापति की हत्या, आपराधिक साजिश, सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है.
शेख मुठभेड़ मामले में शाह जमानत पर हैं, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उनके गुजरात में प्रवेश पर रोक लगा रखी है. अदालत ने मामले की सुनवाई सोमवार तक के लिये स्थगित कर दी है.