यौन र्दुव्यवहार के आरोपों के बाद सेना से एक लेफ्टिनेंट जनरल को इस्तीफा देने को बाध्य किया गया. उन पर यह आरोप एक अधिकारी की पत्नी ने लगाया था. सेना के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल ए के नंदा इंजीनियर इन चीफ थे.
सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह को शिकायत मिली कि पिछले साल इजराइल दौरे में नंदा ने अपने तकनीकी सचिव की पत्नी के साथ यौन र्दुव्यवहार किया था. इसके बाद सेना प्रमुख ने नंदा से इस्तीफा देने के लिए कहा. सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल ने पहले ही इस्तीफा दे दिया है. वह सेना के वरिष्ठतम अधिकारी हैं जिन पर यौन र्दुव्यवहार के आरोप लगाए गए हैं.
सूत्रों ने बताया कि नंदा और उनका दल अपने अपने परिवारों के साथ इजराइल गया था. नंदा के खिलाफ शिकायत उनके तकनीकी सचिव की पत्नी ने दर्ज कराई है. यह शिकायत उन्होंने सेना प्रमुख की पत्नी और ‘आर्मी वाइव्ज वेलफेयर एसोसिएशन’ की अध्यक्ष भारती सिंह के समक्ष दर्ज कराई जिन्होंने तत्काल जनरल सिंह को इससे अवगत कराया. समझा जाता है कि मामले की जांच के बाद सिंह ने पिछले सप्ताह नंदा को इस्तीफा देने और छुट्टी पर जाने के लिए कहा.
नंदा पहले सीमा सड़क संगठन में महानिदेशक थे. उन्हें एक साल पहले ही इंजीनियर इन चीफ बनाया गया था. नंदा के तकनीकी सचिव ने उनके मातहत काम करने के लिए अनिच्छा जताई थी जिसके बाद उन्हें भोपाल पदस्थ किया गया और उनकी जगह नए तकनीकी सचिव कर्नल संजीव दलाल को प्रभार दिया गया. आरोपी अधिकारी के कार्यालय में संपर्क करने पर दलाल सहित उनके स्टाफ़ ने इस मामले में कुछ भी कहने से मना कर दिया. नंदा भी प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं हुए. {mospagebreak}
पिछले दिनों सुकना भूमि घोटाले में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के कथित तौर पर संलिप्त होने का खुलासा होने के बाद, 59 वर्षीय नंदा भी विवादों में घिरे थे. सुकना भूमि घोटाला मामले में सेना के पूर्व सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अवधेश प्रकाश और पूर्व कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पी के रथ के खिलाफ कोर्ट मार्शल की कार्रवाई चल रही है. लेफ्टिनेंट जनरल पी के रथ के तत्कालीन सहायक लेफ्टिनेंट जनरल रमेश हलगली और प्रशासनिक प्रमुख मेजर जनरल पी सी सेन के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है.
दो साल पहले यौन र्दुव्यवहार का एक और मामला सामने आया था जिसमें एक महिला अधिकारी ने मेजर जनरल ए के लाल के खिलाफ प्रताड़ना का आरोप लगाया था. पंजाब के बठिंडा में कोर्ट मार्शल की कार्रवाई होने के बाद मेजर जनरल लाल को बर्खस्त करने का आदेश दिया गया था.
मेजर जनरल लाल पर जब आरोप लगाया गया था तब वह लद्दाख में तीन इन्फैन्ट्री डिवीजन के कमांडर थे. बाद में उन्हें दोषी पाया गया था. लाल और उनके परिवार ने आरोपों को गलत बताया था. जनरल वी के सिंह ने जब सेना प्रमुख का पद संभाला था तब उन्होंने अपने संगठन की ‘अंदरूनी खामियों में सुधार’ करने का वादा किया था.