सत्ता छोड़ने की मांग को लेकर देश में जबर्दस्त जन विरोध का सामना कर रहे मिस्र के संकटग्रस्त राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने कहा है कि वह तीन दशक तक शासन के बाद अब अगले कार्यकाल के लिये चुनाव में हिस्सा लेने के इच्छुक नहीं हैं लेकिन उन्होंने तुरंत सत्ता छोड़ने से इंकार कर दिया.
अपने तीन दशक के शासन काल में सबसे भीषण अशांति का सामना कर रहे 82 वर्षीय नेता ने कहा कि वह इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि इस वर्ष सितंबर में होने वाले चुनाव के बाद ‘सत्ता का शांतिपूर्ण ढंग से हस्तांतरण हो.’
मुबारक ने देर रात राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा, ‘मैं दुबारा चुनाव लड़ने का इच्छुक नहीं हूं. मैं अपने बचे महीने में राष्ट्रपति के रूप में काम करता रहूंगा ताकि सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिये कदम उठाये जा सके.’
इस बीच मुबारक पर दबाव बनाने के लिये काहिरा के तहरीर स्क्वेयर पर पर मिस्र के विभिन्न समुदायों के 10 लाख लोग अप्रत्याशित विशालकाय रैली के लिये इकट्ठा हुए हैं.
मुबारक के टीवी पर दिये भाषण को विशालकाय पर्दे देखते हुए प्रदर्शनकारियों ने छी छी कहा और ‘जाओ, जाओ, जाओ’ के नारे लगाये. उन्होंने कहा, ‘हम तब तक नहीं जायेंगे जब तक वह नहीं जाते.’
यहां प्रसिद्ध तहरीर स्क्वेयर पर आयोजित सरकार विरोधी रैली ‘मार्च ऑफ मिलियन’ में प्रदर्शनकारी पूरी तरह से प्रतिबद्ध लेकिन शांतिपूर्ण रहे. वे कंधे से कंधा मिलाये लाखों की संख्या में जमा हैं. इससे पहले मिस्र में शक्तिशाली सेना ने घोषणा की थी कि वह प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी नहीं करेगी.
{mospagebreak} इस बीच मुबारक ने ‘आग में घी’ डालने के लिये अपने विरोधियों की भर्त्सना की और कहा कि उन्होंने उनके बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
मुबारक ने कहा, ‘हम बहुत पीड़ापूर्ण समय में साथ साथ रह रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में हुई घटनायें हम सभी (लोग और नेताओं) से अपेक्षा कर रही हैं कि अव्यवस्था और स्थिरता के बीच चुनाव करें.’
मुबारक ने कहा कि वे मिस्र में ही मरने का इरादा रखते हैं. मिस्र में इन घटनाओं की शुरूआत उस समय हुई जब ट्यूनिशिया में व्यापक विरोध प्रदर्शन के बाद जिने इल अबीदिन बेन अली के 23 साल के शासन का अंत हो गया.
मिस्र के राष्ट्रपति 28 जनवरी को टीवी पर आये और अपनी सरकार को बर्खास्त कर दिया. उन्होंने मिस्र के सैन्य गुप्तचरी विभाग के प्रमुख उमर सुलेमान को देश का नया उप राष्ट्रपति नामांकित किया लेकिन इस बदलाव का उल्टा असर हुआ तथा विरोध और तेज हो गया. मुबारक का यह बयान कल देर रात आया जब उनके सबसे मजबूत सहयोगी (अमेरिका) के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कथित रूप से अपने दूत के जरिये मुबारक को अगले कार्यकाल के लिये नहीं खड़े होने का संदेश दिया.
पिछले मंगवार को मुबारक के खिलाफ शुरू हुए विरोध प्रदर्शन के बाद अब तक सबसे बड़ी रैली आयोजित हुई जिसमें लोगों ने राष्ट्रीय गीत गाये और ‘जाओ मुबारक जाओ’ और ‘छोड़ो छोड़ो छोड़ों’ के नारे लगाये. इस दौरान सैन्य हेलीकाप्टर आकाश में चक्कर लगा रहे थे.
इस विशालतम रैली में युवा, वृद्ध, धार्मिक, व्यवसायी, महिलायें, बेरोजगार स्नातक, छात्र और शिक्षकों ने हिस्सा लिया. उधर, काहिरा के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अव्यवस्था की स्थिति बनी हुई है क्योंकि हजारो विदेशी स्वदेश लौटना चाहते हैं.