रेल मंत्रालय किसके पास रहेगा, इस पर अब सियासत अपने अंजाम तक पहुंचती नजर आ रही है. मुकुल रॉय नए रेल मंत्री के रूप में मंगलवार को शपथ ग्रहण करने वाले हैं.
मुकुल रॉय मंगलवार को सुबह 10 बजे पद और गोपनीयता की शपथ लेने वाले हैं. रेल मंत्रालय को लेकर सोमवार को घटनाक्रम बड़ी तेजी के साथ बदला. आख़िरकार ममता बनर्जी के सख़्त तेवर के आगे सरकार को नतमस्तक होना पड़ा.
रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी का इस्तीफ़ा तो रविवार को हो गया. अगले रेलमंत्री के तौर पर मुकुल रॉय का नाम भी तय हो गया, बस शपथ की औपचारिकता बाक़ी है.
ग़ौर करने वाली बात है कि मुकुल रॉय को लेकर पीएमओ रज़ामंद नहीं था, फिर भी ममता बनर्जी की बात सरकार को माननी पड़ी. इस बीच प्रधानमंत्री से ममता बनर्जी की मुलाक़ात भी हो चुकी है. अब सरकार पर रेलवे के बढ़े हुए किराए को कम करने का दबाव है. अब भी क्या इस बात में कोई शक़ है कि दीदी के तेवरों ने दिल्ली के दरबार को हिला दिया है?
ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की. हालांकि ये मुलाक़ात बेहद छोटी रही. सूत्रों के मुताबिक क़रीब 10 मिनट की इस मुलाक़ात में ममता बनर्जी ने अपना पूरा एजेंडा पीएम के सामने रखा.
मुकुल राय को अगला रेलमंत्री बनाने पर बात हुई, साथ ही रेलवे के बढ़े हुए किराए की वापसी को लेकर भी ममता ने अपनी मांग पीएम के सामने रख दी. हालांकि ममता ने इस बारे में खुलकर कुछ नहीं बताया. उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि पीएम से उनकी मुलाक़ात अच्छी रही. अब फ़ैसला प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को करना है.
अब सवाल ये है कि क्या रेल का बढ़ा हुआ किराया वापस होगा, और अगर वापस होगा तो किस दर्जे का. पीएम से मुलाक़ात से पहले ममता बनर्जी ने इशारा कर दिया था कि उन्हें स्लीपर और जनरल टिकट में बढ़ोतरी मंज़ूर नहीं है, क्योंकि उनमें ग़रीब आदमी सफ़र करता है.