समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को साफ किया कि उनकी पार्टी केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में शामिल नहीं होगी लेकिन मुलायम ने इसके साथ ही यह भी कहा कि संप्रग सरकार को सपा का बाहर से समर्थन जारी रहेगा.
ज्ञात हो कि उत्तर प्रदेश में सपा की भारी जीत और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनवरत अड़ियल रुख के मद्देनजर इधर ऐसी अटकलें तेज हो गई थीं कि कांग्रेस, सपा को सरकार में शामिल कर तृणमूल को किनारा करने की तैयारी कर रही है.
मुलायम सिंह ने स्पष्ट कहा कि संप्रग सरकार में सपा के शामिल होने की कोई योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि सपा ने संप्रग सरकार को केवल साम्प्रदायिक ताकतों को सत्ता से बाहर रखने के लिए समर्थन दिया है, जो आगे भी जारी रहेगा.
रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी को हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर, सपा मुखिया ने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस का आंतरिक मामला है. इस मामले पर वह कोई टिप्पणी करना उचित नहीं समझते. यह पूछे जाने पर कि क्या प्रदेश का बिहार और गुजरात की तर्ज पर विकास किया जायेगा, यादव ने कहा कि देश का कोई भी राज्य हमारे लिए आदर्श नहीं है. हमारी सरकार अपने घोषणापत्र के अनुरुप ही कार्य करेगी.
उन्होंने कहा कि बेरोजगारी भत्ता और कन्या विद्याधन जैसी जन कल्याणकारी योजनाएं समाजवादी पार्टी की सरकार ने ही शुरु की थी, जिन्हें बाद में कुछ सरकारों ने भी शुरु कर हमारा अनुसरण किया, इसलिए आदर्श तो सपा सरकार है.
तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद के सवाल पर, मुलायम सिंह यादव ने कहा कि फिलहाल ऐसी कोई बात नहीं चल रही है. अलबत्ता अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में सभी प्रमुख दलों के नेता अथवा उनके प्रतिनिधि जरुर शामिल हुए थे, लेकिन इसको तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद न समझा जाये.
बसपा शासन काल में सपा कार्यकर्ताओं पर हुए अत्याचार और उनके उत्पीड़न के साथ दर्ज मुकदमों को हटाये जाने के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि इस संबंध में उनकी सरकार विचार कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या निकट भविष्य में मंत्रिमंडल का एक और विस्तार किया जायेगा, यादव ने कहा कि यह हम पर छोड़ दीजिए.