मुल्लापेरियार बांध के मुद्दे को लेकर बढ़ते तनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को इसका हल निकालने की पहल की. उन्होंने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री से केरल और तमिलनाडु के सम्बंधित अधिकारियों की बैठक जल्द बुलाने को कहा.
मनमोहन सिंह ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने मुल्लापेरियार मुद्दे पर उनसे सहयोग की अपेक्षा की है.
पत्र में उन्होंने कहा है, 'मैंने जल संसाधन मंत्रालय को सलाह दी है कि वह दोनों राज्यों के सम्बंधित अधिकारियों की बैठक जल्द बुलाने की व्यवस्था करे ताकि अलग किस्म के इस मुद्दे का हल निकाला जा सके और इससे उपजी चिंताएं दूर की जा सकें.'
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें भरोसा है कि 115 वर्ष पुराने इस बांध को लेकर केरल में छिड़े विवाद का हल वार्ता के जरिये निकल सकता है.
उन्होंने कहा, 'दोनों पक्षों ने जैसी सद्भावना दिखाई है, इससे मुझे विश्वास है कि वार्ता प्रक्रिया के जरिये इस मुद्दे का एक मैत्रीपूर्ण एवं पारस्परिक रूप से स्वीकार्य हल निकाला जा सकता है.'
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री ने यह पत्र जयललिता के 29 नवम्बर के उस पत्र के जवाब में लिखा है जिसमें उनसे अनुरोध किया गया था कि वह केरल सरकार को सलाह दें कि वह इस मुद्दे पर संयम बरते.
मनमोहन सिंह ने यह पत्र केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी से मुलाकात से एक दिन पूर्व लिखा था. इस बीच गुरुवार को चांडी नई दिल्ली पहुंचे और उन्होंने नए बांध के निर्माण के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया.
चांडी ने आईएएनएस से कहा कि पूर्व में पानी को लेकर कई विवाद हुए हैं. दोनों राज्य एक-दूसरे को पानी देने से इंकार करते हैं या एक राज्य अधिक पानी चाहता है जबकि दूसरा इसके लिए तैयार नहीं होता है.
उन्होंने कहा, 'लेकिन मुल्लापेरियार बांध को लेकर मौजूदा विवाद में तमिलनाडु के साथ जल बंटवारे की कोई समस्या नहीं है. हम केवल मौजूदा बांध के नजदीक अपने खर्च पर नया बांध बनाना चाहते हैं. जल बंटवारे के लिए मौजूदा समझौता ही लागू रहेगा. इसमें कोई परिवर्तन नहीं होगा.'
उन्होंने कहा, 'हमारी चिंता पांच जिलों में रह रहे 30 लाख लोगों की सुरक्षा है. विशेषज्ञों ने हमें बताया है कि मौजूदा बांध असुरक्षित है.'
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छह दिसम्बर को यहां इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक होगी और नौ दिसम्बर को केरल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा.