रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी ने कि मुंबई में टैक्सी के परमिट के लिए मराठी की अनिवार्य संबंधी विवाद को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि मुंबई महानगर पूरे भारत का है.
उन्होंने लंदन स्कूल आफ इकानामिक्स में राज्य सभा सदस्य एन के सिंह की किताब ‘नाट बाई रीजन एलोन: पालिटिक्स आफ चेंज’ पर परिचर्चा के दौरान कहा ‘‘हम पहले भारतीय हैं. मुंबई, चेन्नई और दिल्ली हर भारतीय के हैं. यही वास्तविकता है.’’ अंबानी ने कहा कि भारत की कंपनियां जहां औद्योगिक उदारीकरण के बाद लाईसेंस राज के चंगुल से निकल चुकी हैं वहीं मुंबई के गरीब टैक्सी वाले अभी भी लाईसेंस राज के शिकंजे से मुक्त नहीं हुए हैं.
टैक्सी ड्राईवर विवाद के संबंध में पूछे गए एक प्रश्न के जवाब में अंबानी ने कहा कि वास्तविक चुनौती यह है कि भारत हर साल 1. 5 करोड़ से दो करोड़ नए रोजगार पैदा कर सकता है या नहीं.
महाराष्ट्र सरकार ने हालांकि अब टैक्सी परमिट चाहने वालों के लिए मराठी की अनिवार्यता का प्रस्ताव वापस ले लिया है.
अंबानी ने कहा ‘‘आने वाले दिनों में रोजगार सबसे बड़ी चुनौती होगी. हम आवश्यकतानुसार तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं. ’’ राज्य सभा के सांसद एन के सिंह ने टैक्सी लाईसेंसे के नवीकरण से जुड़े विवाद को गलत किस्म की ‘लोक लुभावन नीति’ का नमूना बताया.