मुंबई में हुए विस्फोटों के दो दिन बाद जांचकर्ताओं को कुछ सफलता मिली जब उन्होंने एक स्कूटर की पहचान कर ली जिसमें विस्फोटक रखकर एक विस्फोट स्थल पर रखा गया था. मामले में कई लोगों से पूछताछ की गयी है और कॉल रिकार्ड का विश्लेषण किया जा रहा है.
जांचकर्ता जहां कुछ पुख्ता सुरागों की तलाश कर रहे हैं वहीं अधिकारियों ने कहा कि ओपेरा हाउस के बाहर स्कूटर में अमोनियम नाइट्रेट, टीएनटी और पेट्रोलियम पदार्थ के साथ टाइमर लगाया गया था ताकि अधिक से अधिक नुकसान हो सके. किसी निश्चित सुराग पर तहकीकात करने के सवाल पर केंद्रीय गृह सचिव आर.के. सिंह ने कहा कि हम अभी किसी निश्चय पर नहीं पहुंचे हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमने विस्फोटों में एक बम को रखने के लिए इस्तेमाल स्कूटर की पहचान कर ली है.’ साजिशकर्ताओं ने स्कूटर का चैसिस नंबर खुरच दिया लेकिन जांचकर्ताओं ने बाद में इसका पता लगा लिया. बुधवार शाम हुए विस्फोटों में 18 लोगों की मौत हो गयी थी.
उन्होंने कहा कि इस कोशिश का मकसद एक तरह से जांच को दिग्भ्रमित करना था. यह स्कूटर कई महीने से मुंबई में था और इसका रजिस्ट्रेशन गुजरात का था. अधिकारियों ने कहा कि तीन विस्फोट स्थलों के सीसीटीवी फुटेज की जांचकर्ता समीक्षा कर रहे हैं लेकिन इसमें ज्यादा कुछ नहीं मिला है. अंडरवर्ल्ड की भूमिका की भी तफ्तीश की जा रही है.
अधिकारियों ने कहा कि एनआईए के फोरेंसिक विशेषज्ञ विस्फोट स्थल से मिले सबूतों की प्रकृति से संतुष्ट हैं. सिंह ने कहा कि जांच चल रही है और कई लोगों से उनके पूर्व ज्ञात संपर्कों के आधार पर पूछताछ की जा रही है. महाराष्ट्र एटीएस और मुंबई अपराध शाखा ने इंडियन मुजाहिदीन के गिरफ्तार दो सदस्यों समेत कई लोगों से पूछताछ की है.
असामाजिक तत्वों के साथ उन लोगों से भी पूछताछ की गयी जिनके संपर्क अंडरवर्ल्ड गिरोहों से हैं. एटीएस के एक अधिकारी ने कहा, ‘अब तक कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है लेकिन आपको सही आंकड़ा नहीं बताया जा सकता. हमें भरोसा है कि हम सही दिशा में बढ़ रहे हैं.’ सीएफएसएल ने अपनी रिपोर्ट में किसी भी विस्फोट में घातक आरडीएक्स के इस्तेमाल से भी इनकार किया है.
साइबर विशेषज्ञ एक समाचार चैनल को आये ईमेल की पड़ताल कर रहे हैं और यह किसी खाड़ी देश से आया हुआ लगता है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों को लगता है कि यह कोई गंभीर मेल नहीं होगा और कोई मजाक करना चाहता है. तीनों विस्फोट स्थलों पर सेलफोन टॉवरों के कॉल रिकार्ड विश्लेषण के लिए इकट्ठे किये जा रहे हैं. धमाकों के तार सीमा पार से जुड़े होने के सवाल पर गृह सचिव ने कहा, ‘हमें एक ईमल का पता चला है जो कहीं अन्य से भेजा गया है. इसका पता लगाया जा रहा है.’
उन्होंने कहा कि तीनों स्थानों की सीसीटीवी तस्वीरों की 11 सीडी की जांचकर्ता पड़ताल कर रहे हैं. सिंह ने कहा, ‘अब हमारे सामने वे सभी लोग और चेहरे आ गये हैं जो घटनास्थल पर मौजूद थे. स्थानीय लोगों द्वारा उनकी पहचान करवायी जा रही है कि वे स्थानीय थे या बाहरी. प्रक्रिया जारी है. 11 सीडी पर गौर किया जा रहा है. यह काफी बड़ा काम है.’
केन्द्रीय गृह सचिव ने बताया कि स्थानीय लोगों द्वारा जिनकी पहचान नहीं हो पायी है उनके बारे में एक डाटा बेस बनाया जा रहा है और उनकी पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है. सिंह ने बताया कि संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा रही है. हमारे पूर्व डाटा बेस के आधार पर उन लोगों से पूछताछ की जा रही है जिनके पूर्व संपर्क ज्ञात हैं. जांच जारी है.