मुंबई में स्थित एक अस्पताल के अनुसंधानकर्ताओं ने लैंसेट जर्नल के अध्ययन के काफी पहले कई दवाओं से लड़ने में प्रतिरोधक क्षमता संपन्न सुपरबग के बारे में एक भारतीय चिकित्सीय जर्नल में प्रकाशित लेख में सचेत कर दिया था. इस सुपरबग के कारण चिकित्सा जगत में काफी बवाल हुआ है और देश को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है.
पीडी हिंदुजा नेशनल अस्पताल और मेडिकल रिसर्च केंद्रों के अनुसंधानकर्ताओं पायल देशपांडे, कैमिला रोड्रिग्ज, अंजलि शेट्टी, फरहद कपाड़िया, असित हेगड़े और राजीव सोमण ने इस वर्ष मार्च में ही एसोसिएशन आफ फिजिशियन आफ इंडिया के जर्नल में इस सुपरबग के बारे में चेतावनी दे दी थी.
हालांकि लैंसेट पत्रिका ने इस अनुसंधान पत्र का जिक्र नहीं किया है लेकिन भारतीय जर्नल में प्रकाशित संपादकीय से साभार लिया है. हिंदुजा के अनुसंधानकर्ताओं ने बीते वर्ष अगस्त और नवंबर के बीच 24 मरीजों में नयी दिल्ली मेटालो लैक्टामेज-1 (एनडीएमम-1) देखे जाने के बाद निष्कर्ष निकाला था.