पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की मुसीबतें बढ़ाते हुए धार्मिक विद्वानों के एक समूह ने उनके नाम पर एक फतवा जारी कर कहा है कि उन्हें मार डालना जायज है.
वहीं, उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है जिसमें उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई है.
क्वेटा में एक बैठक के दौरान नेताओं और धार्मिक विद्वानों के एक समूह ने मुशर्रफ के खिलाफ फतवा जारी किया. इसमें मुशर्रफ को ‘वजीबुल कत्ल’ (मार डाले योग्य) घोषित किया गया. गौरतलब है कि मुशर्रफ पाकिस्तान के राजनैतिक अखाड़े में वापसी की योजना बना रहे हैं.
इस बैठक का आयोजन जम्हूरी वतन पार्टी ने किया था और इसकी अध्यक्षता पार्टी प्रमुख नवाबजादा तलाल अकबर बुगती ने की. नवाबजादा तलाल अकबर बुगती नवाब अकबर बुगती के पुत्र हैं.
तलाल बुगती ने हाल में ही यह घोषणा करके सनसनी फैला दी थी कि जो भी मुशर्रफ का सिर कलम करेगा उसे एक अरब रुपये और 1000 एकड़ भूमि इनाम में दी जाएगी.
इस बैठक को जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम सांसद मौलाना नूर मोहम्मद अता-उर-रहमान और मौलाना अब्दुल कादिर लोनी ने भी संबोधित किया था.
इन नेताओं और विद्वानों ने उच्चतम न्यायालय से मांग की कि वह मुशर्रफ को इंटरपोल के जरिए पाकिस्तान लाने के लिए निर्देश जारी करे और बुगती तथा जामिया हफ्सा मदरसे की छात्राओं की कथित हत्या के लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाए.
उन्होंने मुशर्रफ के खिलाफ संविधान का उल्लंघन करने और परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान को हिरासत में रखने को लेकर भी कार्रवाई की मांग की.{mospagebreak}
इस बीच, मौलवी इकबाल हैदर नाम के एक शख्स ने उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर तकनीकी दिक्कतों को दूर करने तथा नवंबर 2007 में आपातकाल लगाने को लेकर मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि अदालत की तरफ से कोई भी निष्क्रियता अन्य लोगों को भी इस तरह का कृत्य करने को प्रोत्साहित कर सकती है.