प्रख्यात पत्रकार और लेखक एम जे अकबर ने रविवार को कहा कि देश के मुसलामानों को सुरक्षा का भय दिखाने वालों को नहीं बल्कि उनके विकास की बात करने वालों के पक्ष में अपना मत देना चाहिए.
पटना स्थित बिहार इंडस्ट्रीज एसोसियशन हॉल में आयोजित शाह मुश्ताक अहमद स्मृति व्याख्यान माला के विषय 'आर्थिक विकास एवं वंचित वर्ग' पर अपने विचार व्यक्त करते हुए अकबर ने कहा कि देश के मुसलामानों को सुरक्षा का भय दिखाने वाले को नहीं बल्कि उनके विकास की बात करने वालों के पक्ष में अपना मत देना चाहिए. अकबर ने कहा कि देश की आजादी में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले और राष्ट्रवाद की भावना से ओत-प्रोत मुसलमान आजादी के पूर्व स्वयं को देश में अल्पसंख्यक महसूस नहीं करते थे पर वर्ष 1935 में किसी मुस्लिम नेता द्वारा इस्लाम खतरे में है का नारा दिये जाने के बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई.
अकबर ने कहा कि अल्पसंख्यक का जनसंख्या से संबंध नहीं होता क्यों कि अगर ऐसा होता तो ब्राह्मण सहित कई अन्य जातियां अल्पसंख्यक होतीं. उन्होंने कहा कि देश पर राज करने वाला अल्पसंख्यक नहीं होता और मुसलमानों ने इस देश पर लंबे समय तक राज किया है तथा देश की आजादी में न केवल उन्होंने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया बल्कि हमेशा राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत रहे. अकबर ने कहा कि मुसलमान अल्पसंख्यक तब हुए जब वे देश में सत्ता से बाहर हुए और खासतौर से वर्ष 1935 में जब किसी मुस्लिम नेता ने यह नारा दे दिया कि इस्लाम खतरे में है.
उन्होंने कहा कि एक मुसलमान खतरे में हो सकता है पर इस्लाम कभी नहीं क्योंकि इस्लाम उस समय भी खतरे में नहीं रहा जब पैगंबर हजरत सल्लाहो अलेहे वसल्लम अकेले थे. अकबर ने कहा कि मुसलमान की देश में यह स्थिति आत्मविश्वास खोने के कारण हुई और वे खौफ के साए में जीने लगे. आज वे अपने विकास के नाम पर नहीं बल्कि झूठी सुरक्षा का भरोसा दिलाने वालों के लिए अपना बहुमूल्य वोट बर्बाद कर देते हैं.
देश के मुसलमानों को अपनी वर्तमान हालत के स्वयं जिम्मेदार ठहराते हुए अकबर ने कहा कि इस कौम ने अपनी हालत के बारे में स्वयं कभी नहीं सोचा. उन्होंने कहा कि मुसलमानों को अपनी संतान चाहे वह बेटा हो बेटी के प्रति बरते जाने वाले भेदभाव को समाप्त करना होगा, नहीं तो यह कौम कभी भी तरक्की नहीं कर सकती. अकबर ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भारत कभी भी गरीब मुल्क नहीं रहा है चाहे वह आजादी के पूर्व या उसके बाद हो, क्योंकि किसी गरीब मुल्क पर कोई कभी हमला नहीं करता जबतक आपके पास कुछ लूटने को नहीं होगा. कौन सात हजार मील की दूरी तय करके यहां पहुंचेगा.
उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में अगर दौलत नहीं होती तो अंग्रेज सहित कोई अन्य देश यहां फौज नहीं भेजता. अकबर ने कहा कि 1750 में दुनिया में जिस किसी वस्तु का उत्पादन होता उसमें चीन पूरे विश्व में 32 प्रतिशत उत्पादन करने वाला देश था जबकि भारत द्वारा पूरे विश्व का 24 प्रतिशत उत्पादन किया जाता था और चीन और भारत दुनिया के सबसे अमीर मुल्क थे. उन्होंने बताया कि उस समय जापान द्वारा पूरे विश्व का 5 प्रतिशत, फ्रांस द्वारा 4 प्रतिशत, ब्रिटेन द्वारा 2.8 प्रतिशत, रूस द्वारा दो प्रतिशत और अमेरिका द्वारा एक प्रतिशत उत्पादन किया जाता था.{mospagebreak}
अकबर ने कहा कि हिंदुस्तान हमेशा से एक अमीर मुल्क रहा है जहां गरीब लोग बसते हैं. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के आने के पूर्व देश में जब किसी इलाके में अकाल पडता था पूरे इलाके की नाकेबंदी कर दी जाती थी ताकि वहां से अनाज वहां से बाहर नहीं जा सके. उन्होंने कहा कि उस समय अकाल के दौरान राजाओं और नवाबों की ओर से रसोई चलायी जाती थी जहां गरीब लोगों को खाना दिया जाता था. अकबर ने कहा कि इतना ही लोगों को नापतौल में कमी करने वाले दुकानदारों के लिए भी सख्त सजा का प्रावधान था.
उन्होंने कहा कि 1765 में 24 परगना में अंग्रेजों की हुकूमत बनने के बाद देश में अकाल के समय भी उतनी ही राशि लंदन भेजते जितनी राशि सामान्य दिनों में वे भेजा करते थे. अकबर ने कहा कि सवाल यह नहीं है कि अंग्रेजों ने क्या किया बल्कि सवाल यह है कि देश की आजादी के साठ साल बीत जाने के बावजूद देश वासियों ने गरीबी दूर करने के लिए क्या किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश का आर्थिक विकास दर दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है पर बिहार सहित देश के अन्य प्रांतों में गरीब लोगों के चेहरे पर उस विकास का असर नहीं दिखता.
अकबर ने बताया कि पिछले साल प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी आंकडे के मुताबिक देश की करीब 80 अस्सी प्रतिशत आबादी बिल्कुल गरीबी रेखा के समीप है या नीचे है. अकबर ने कहा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने प्रयास करके दलितों के उत्थान के लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान कराया. बाद में पिछड़े वर्गो के उत्थान के लिए मंडल आयोग की अनुशंसाओं को लागू किया गया.
उन्होंने कहा कि आज जब सच्चर आयोग की रिपोर्ट जिसमें मुसलमानों की आर्थिक और शैक्षणिक स्थिति ठीक नहीं बतायी गयी है और उस आधार पर उन्हें आरक्षण दिए जाने की बात की जाती है तो लोग उसका विरोध करते हैं. यह बिल्कुल गलत है. उन्होंने अगर समाज के दबे-कुचले लोगों को आगे लाने के लिए आरक्षण देना ही नहीं है तो पूर्व में दलितों और बाद में पिछडे वर्ग के लोगों को क्यों दिया गया. व्याख्यान माला को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने भी संबोधित किया.