भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वाले एक पूर्व आईएएस अधिकारी का दावा है कि उसकी और उसके परिवार की हिफ़ाज़त ख़तरे में है.
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य रहे केएम अब्राहम का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी पहचान लीक कर दी, जिसकी वजह से उनके और उनके परिवार के लिए जोख़िम बढ़ गया है.
मामला सीधे वित्त मंत्रालय और सेबी से जुड़ा है. 1982 के केरल काडर के आईएएस केएम अब्राहम के मुताबिक उन्होंने वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी, वित्तमंत्री की सलाहकार ओमिता पॉल और सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा की शिक़ायत प्रधानमंत्री से की थी.
शिक़ायत यह थी कि वित्तमंत्री की सलाहकार अमिता पॉल की सिफ़ारिश पर सेबी के चेयरमैन यूके सिन्हा, अब्राहम पर दबाव डाल रहे थे. दबाव इस बात के लिए अब्राहम कुछ बड़ी कारपोरेट कंपनियों के हाई प्रोफाइल मामलों को मैनेज करें.
अब्राहम ने 1 जून को ख़ुफ़िया तौर पर प्रधानमंत्री और सीवीसी को शिक़ायत भेजी. अब्राहम का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने उनकी शिक़ायत जस की तस आर्थिक मामलों के सचिव आर गोपालन को भेज दी, जिसकी वजह से अब्राहम की पहचान सामने आ गई. अब उन पर ख़तरा मड़रा रहा है. गौरतलब है कि केएम अब्राहम इसी 20 जुलाई को रिटायर हो चुके हैं.