बीजेपी द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए पीए संगमा की उम्मीदवारी को समर्थन के बीच एनसीपी ने इस बात पर अफसोस व्यक्त किया कि संगमा एक ऐसे मुकाबले में सांप्रदायिक ताकतों के उम्मीदवार बने हैं, जिसमें प्रणब मुखर्जी को निर्णायक जीत हासिल होनी है.
एनसीपी प्रवक्ता डीपी त्रिपाठी ने कहा कि इस घटनाक्रम से भाजपा के दिवालियेपन का पता चलता है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संगमा ने सांप्रदायिक ताकतों का उम्मीदवार बनना तय किया, लेकिन हमें यकीन है कि प्रणब की निर्णायक जीत होगी.
त्रिपाठी ने उन सवालों को टाल दिया, जो संगमा की बेटी केन्द्रीय मंत्री अगाथा संगमा के बारे में किये गये थे. उन्होंने कहा कि इस तरह के सवाल अप्रासंगिक हैं. उन्होंने कहा कि गुरुवार शाम को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई गई है.
पार्टी नेताओं ने संकेत दिया था कि अगाथा ने यदि अपने पिता के लिए प्रचार किया, तो उसे नुकसान भुगतना पड़ सकता है. गौरतलब है कि संगमा ने बुधवार को राकांपा से इस्तीफा दे दिया था, जिसे पार्टी प्रमुख शरद पवार ने तत्काल स्वीकार कर लिया था.