संसद के शीतकालीन सत्र से पहले एनडीए ने रणनीति के तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम को निशाने पर लिया है. एनडीए की सोमवार को हुई बैठक में फैसला किया गया कि संसद के शीतकालीन सत्र में चिदंबरम का बॉयकाट किया जाएगा.
एनडीए की ओर से लिए गए फैसले में कहा गया है कि चिदंबरम को संसद में बोलने नहीं दिया जाएगा. एनडीए ने यूपीए से चिदंबरम के इस्तीफे की मांग की है. साथ ही कहा गया कि 2जी घोटाले में चिदंबरम की भूमिका की जांच होनी चाहिए.
एनडीए ने महंगाई तथा कालाधन सहित भ्रष्टाचार के विभिन्न मुद्दों पर अन्य विपक्षी दलों से सदन में तालमेल करने का फैसला किया.
राजग के कार्यकारी अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर संसद सत्र शुरू होने की पूर्वसंध्या पर इस गठबंधन की हुई बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला किया गया.
बैठक की समाप्ति के बाद राज्यसभा में भाजपा के उपनेता एस एस आहलुवालिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘यह फैसला हुआ है कि मंहगाई पर वाम दलों के कार्यस्थगन प्रस्ताव नोटिस का राजग समर्थन करेगा जबकि काले धन पर लालकृष्ण आडवाणी के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस का वाम दल समर्थन करेंगे.’
उन्होंने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में जितने दोषी तत्कालीन दूरसंचार मंत्री ए राजा थे, उतने ही दोषी तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम हैं. प्रधानमंत्री ने अपने सहयोगी दल द्रमुक के राजा का इस्तीफा तो ले लिया लेकिन कांग्रेस के पी चिदंबरम का इस्तीफा नहीं लिया. राजग ने तय किया है कि वह संसद में चिदंबरम का बहिष्कार करेगा.
आहलुवालिया ने कहा, ‘हम चिदंबरम को संसद में बोलने की अनुमति नहीं देंगे. पूरा राजग उनका बहिष्कार करेगा. हम चिदंबरम के साथ वही करेंगे जो कांग्रेस ने राजग शासन में जार्ज फर्नान्डिस के साथ किया था.’ लालकृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में राजग के संयोजक शरद यादव, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, शिवसेना के मनोहर जोशी एवं अनंत गीते, जद यू के शिवानंद तिवारी और अकाली दल के नरेश गुजराल शामिल थे.