राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक दलित युवक के साथ अमानवीय व्यवहार पर बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया.
कुछ दिनों पहले गाजियाबाद जिले में कुछ लोगों ने 22 वर्षीय एक दलित युवक की पिटाई करने के बाद उसके पैर रेल की पटरी से बांध दिए, जिससे उसके पैर रेलगाड़ी की चपेट में आकर कुचल गए. आयोग के एक अधिकारी ने कहा, 'मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए हमने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और गाजियाबाद के जिलाधिकारी को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर रिपोर्ट तलब की है.'
आयोग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, 'पीड़ित टीका राम को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराया गया था. चिकित्सकों ने बताया है कि उसके पैर काटने होंगे और उसके बचने की उम्मीद बहुत कम है.
मीडिया में यह खबर 20 जुलाई को आई थी.' बताया गया है कि एक भूमि विवाद में गुर्जर बिरादरी के कुछ लोगों ने कथित रूप से टीका राम की पिटाई की. यह विवाद तब उठा जब लगभग एक एकड़ जमीन जाटव बिरादरी के 60 लोगों को आवंटित कर दी गई. जाटव बिरादरी अनुसूचित जाति श्रेणी में आती है.