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स्विटजरलैंड में ‘नमस्ते’ और ‘शाहरूख’ कह कर काट लेते हैं जेब

अगर आप स्विटजरलैंड के सुन्दर शहर जिनिवा में घूम रहे हैं तो ‘नमस्ते’ और ‘शाहरूख’ कहने वालों से खास तौर पर सावधान रहें क्योंकि वह जेबकतरे भी हो सकते हैं.

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अगर आप स्विटजरलैंड के सुन्दर शहर जिनिवा में घूम रहे हैं तो ‘नमस्ते’ और ‘शाहरूख’ कहने वालों से खास तौर पर सावधान रहें क्योंकि वह जेबकतरे भी हो सकते हैं.

जब आप जिनिवा की सड़कों पर टहलने निकलें तो सुन्दर कपड़े पहने एक व्यक्ति आपके सामने आए और मुस्कुराते हुए आपको नमस्ते और शाहरूख खान कहे, आपके चेहरे पर मुस्कुराहट ले आए. अगले ही पल उसका दूसरा दोस्त आपको बॉलीवुड के किसी अच्छे गाने पर नचाने भी लगे. मगर इन सबके साथ ऐसा भी हो सकता है कि अगले सेकेंड आपको रोना पड़ जाए क्योंकि आपको इस नाच-गाने में लगा कर वह आपकी जेब काट कर भीड़ में कहीं गुम हो जाएंगे.

शहर के एक पर्यटन अधिकारी का कहना है, ‘सतर्क रहना हमेशा अच्छा होता है. प्रवासी यहां एक समस्या बन गए हैं और ज्यादातर छोटे-मोटे अपराध वहीं करते हैं.’ यहां भारतीयों को पहचानना बहुत आसान होता है इसलिए जेबकतरे इन भारतीय शब्दों की आड़ में उन्हें आसानी से अपना शिकार बना लेते हैं. स्विटजरलैंड की सीमाएं खुलने के बाद हजारों की संख्या में प्रवासी इस शहर में आ रहे हैं. लोगों के बीच यह शहर शाहरूख खान की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ से मशहूर हुआ था.

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प्रवासियों का यह मसला जिनिवा समेत देश में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दा बन गया है. यह शहर शाम चार से पांच बजते ही बंद हो जा रहा है. उसके बाद सिर्फ रेस्तरां और पब ही खुले रहते हैं वह भी रात 11 बजे अपने दरवाजे बंद कर लेते हैं. शाम में शहर में भीड़ ज्यादा होने के कारण लोग यातायात और गति संबंधी नियमों का पालन करते हैं. यहां सभी आपका मुस्कुरा कर स्वागत करते हैं. यहां के जीवन में गुस्सा और क्रोध देखने को नहीं मिलता है.

बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग होते रहने के कारण भारतीय पर्यटकों में इस शहर के लिए खास अकषर्ण है. यहां अकसर बड़े-बड़े स्टार आते रहते हैं, भले ही यहां के लोग उन्हें न जानते हों मगर वह बॉलीवुड को जरूर जानते हैं. यहां अब भारतीय खानों जैसे ‘दाल तड़का’ और ‘चिकन मसाला’ जैसे व्यंजनों का नाम भी सुनने को मिलने लगा है.

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