निलंबित आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट ने आरोप लगाया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरौदा-पाटिया मामले पर विशेष अदालत के फैसले के बाद अपने वफादारों का छोड़ रहे हैं.
भट्ट ने दावा किया है कि उन्होंने ‘गूगल प्लस हैंगआउट’ पर मोदी के ऑनलाइन चैट में भाग लेने की कोशिश की थी लेकिन लेकिन उनके सवालों को उस सत्र में नहीं चुना गया.
भट्ट ने चैट पर पोस्ट किए गए अपने एक सवाल में कहा है, ‘आपको अपने वफादारों डॉक्टर माया कोडनानी और बाबु बजरंगी को मिली सजा के बारे में साथ ही गलत तरीके से समझे गए हिन्दुत्व के सैनिकों के बारे में जिन्हें उम्र कैद की सजा मिली है आपको जानकारी दी गई होगी.’
भट्ट ने कहा, ‘क्या यह महज संयोग है कि समय रहते आपने इन सभी लोगों समझदारी पूवर्क दूरी बना ली ? क्या आपने उम्रकैद की सजा पाने वाले आरोपियों के निर्दोष परिजनों के बारे में सोचा था?’ विशेष अदलत ने भाजपा विधायक माया कोडनानी, बजरंग दल के नेता बाबु बजरंगी और 29 अन्य लोगों को नरौदा पाटिया दंगा मामले में उम्रकैद की सजा सुनायी थी.
इस दौरान भट्ट ने कोडनानी को लिखे एक पत्र में कहा, ‘क्या आपने कभी आपको लगा कि साथी मनुष्यों को मारना जध्न्य अपराध है, वह सरकार के संरक्षण में भी किया जा रहा हो फिर भी ? क्या आपको कभी लगा कि आपको संरक्षण देने वाले एक दिन आपको धोखा देंगे और राजनीतिक फायदे के लिए आपको त्याग देंगे?’