भाजपा में उभर रहे गतिरोध और मतभेदों के बीच गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात पार्टी के सबसे वरिष्ठ दो नेताओं अटल बिहारी वाजपेयी तथा लालकृष्ण आडवाणी से मुलाकात की.
पिछले कुछ साल से अस्वस्थ चल रहे वाजपेयी का जिक्र आज भी कई नेता पार्टी के भीतर अपनी स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए करते हैं. अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर तेजी से उभर रहे मोदी की वाजपेयी से मुलाकात को भी इसी तरह की एक कोशिश माना जा रहा है.
वाजपेयी की पुरानी तस्वीरों, भाषणों और कविताओं को वरिष्ठ भाजपा नेता अकसर इस्तेमाल करते हैं क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री की लोकप्रियता भाजपा के भीतर और बाहर अभी भी बेजोड़ है.
सूत्रों के अनुसार मोदी ने वाजपेयी की सेहत का हालचाल जानने के लिए उनसे मुलाकात की और उनका आशीर्वाद प्राप्त किया.
अहमदाबाद लौटने से पहले मोदी ने आडवाणी से भी मुलाकात की. उनकी मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब आडवाणी ने अपने एक ब्लॉग में पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर उनके कुछ फैसलों को लेकर अप्रत्यक्ष निशाना साधा है. गडकरी के साथ मोदी के संबंध भी बहुत मधुर नहीं रहे हैं.
आडवाणी गुजरात के गांधीनगर से लोकसभा सदस्य हैं. मोदी तथा आडवाणी के बीच भी कुछ मुद्दों पर मतभेद रहे हैं लेकिन आडवाणी अलग-अलग मौकों पर तथा अपने ब्लॉग एवं भाषणों में गुजरात के मुख्यमंत्री की जमकर तारीफ भी करते रहे हैं.
कमल संदेश के संपादकीय पर सवालों को टाल गए मोदी
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पार्टी के नेतृत्व पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया.
राज्य के सालाना योजना परिव्यय को अंतिम रूप देने के लिए योजना आयोग के साथ बैठक के सिलसिले में दिल्ली आए मोदी ने पार्टी में नेतृत्व संबंधी खींचतान के बारे में संवाददाताओं के सवालों को भी टाल दिया. यह खींचतान मुंबई में गत सप्ताह हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समय से चल रही है.
मोदी ने पार्टी के मुखपत्र ‘कमल संदेश’ के संपादकीय के बारे में पूछे गए सवालों का भी जवाब नहीं दिया जिसमें अप्रत्यक्ष रूप से मोदी और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा पर निशाना साधा गया है.